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जयपुर. राजस्थान की सियासत में भ्रष्टाचार के मामले में आरएसएस का नाम जुड़ने के बाद पहले ही जहां बीजेपी क्षेत्रीय प्रचारक निम्बाराम के पक्ष में खुलकर सामने आ चुकी है वहीं अब आरएसएस ने भी राजस्थान की कांग्रेस सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है और निम्बाराम के समर्थन में खुल कर मैदान में आ गया है.
एंटी करप्शन ब्यूरो द्वारा बीवीजी कंपनी के साथ 20 करोड़ रुपए के लेनदेन में आरएसएस के क्षेत्रीय प्रचारक निम्बाराम को आरोपी बनाने पर आरएसएस ने आपत्ति जताई है

https://youtu.be/8IfF7xPIgzk

 

 

आरएसएस के क्षेत्र कार्यवाह हनुमान सिंह राठौड़ ने गुरुवार को इस पर वीडियो और लिखित बयान जारी किया. और कहा कि ‘वीडियो सिर्फ सनसनी फैलाने के लिए जारी किया गया है. हमारे सामने कानून सम्मत कार्रवाई करने के सभी प्रकार के विकल्प खुले हैं. निम्बाराम के मामले में सफाई देते हुए राठौड़ ने कहा कि बीवीजी कंपनी के प्रतिनिधि निम्बाराम के पास प्रताप गौरव केंद्र, उदयपुर में अपने सीएसआर फण्ड द्वारा सहयोग करने का प्रस्ताव लेकर आए थे. तक निम्बाराम ने उनसे आग्रह किया था कि वे इस केंद्र का दौरा करें और वहां की आवश्यकताओं को समझ कर सहयोग देने का तय करें. कंपनी के प्रतिनिधियों ने दौरे की तिथि तय की, लेकिन वहां पर गए ही नहीं, इसलिए सीएसआर फण्ड से किसी राशि या अन्य किसी भी रूप में सहायता का प्रश्न ही नहीं उठता.
इतना ही नहीं हनुमान सिंह राठौड़ ने तथ्यों को तोड़ मरोड़कर प्रस्तुत करने का प्रयत्न करने का भी आरोप लगाया. उन्होने कहा कि 20 अप्रेल को निम्बाराम से कंपनी के प्रतिनिधियो की भेंट या बातचीत सामान्य सामाजिक शिष्टाचार के नाते ही थी. उनकी इस सामान्य शिष्टाचार भेंट को आरएसएस में उनकी भूमिका से जोड़ना निंदनीय है. अलग-अलग समय और सन्दर्भ में की गयी बातचीत की वीडियो रिकॉर्डिंग कर, उन्हें जोड़कर राजनीतिक कारणो से उसके अन्य अर्थ लगाए जा रहें हैं. राजनीतिक निहित स्वार्थों ने तथ्यों को तोड़ मरोड़कर प्रस्तुत करने का प्रयत्न किया है, जबकि इस मामले में किसी प्रकार की राशि का कोई आदान प्रदान नहीं हुआ है. इसलिए इसे भ्रष्टाचार से जोड़कर अनर्गल आरोप लगाना समाज में प्रतिष्ठित व्यक्ति के चरित्र हनन के सामान है.
निम्बाराम हर तरह की जांच में सहयोग को तैयार हैं. वैचारिक द्वेष एवं दुर्भावना से लगाए जा रहे इन झूठे आरोपों एवं लांछनों का हम खंडन करते हैं और कानून सम्मत कार्यवाही करने के सभी प्रकार के विकल्प हमारे सामने खुले हुए हैं. बहरहाल इस पूरे मामले में सियासत लगातार गर्म होती जा रही है. देखना होगा अब एंटी करप्शन ब्यरो कब तक इस मामले में​ निम्बाराम से पूछताछ करती है या फिर मामला ठंडे बस्ते में डाल दिया जाता है.

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