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बीकानेर। राजस्थान सरकार ने बहुप्रतिक्षित राजनीतिक नियुक्तियों की शुरुआत करते हुए बुधवार को 58 नेताओं की राजनीतिक नियुक्ति की मनोकामना पूरी की है। उसके बाद अब एक और राजनीतिक नियुक्ति की लिस्ट की तैयारी होने की चर्चा है। जिसमें यूआईटी चेयरमैन और अकादमियों में अध्यक्षों की नियुक्ति होगी। इसके अलावा शेष रहे बोर्ड निगम-आयोग में नियुक्तियां भी होगी। राजनीतिक नियुक्तियों के अलावा संसदीय सचिवों को लेकर भी फैसला हो रहा है। संसदीय सचिवों के मामले में कानूनी राय ली गई है। विशेषज्ञों से विधिक राय के बाद ही सरकार संसदीय सचिवों की नियुक्ति करेगी। विधायकों व उनके रिश्तेदारों को दूसरी लिस्ट में एडजस्ट किया जाएगा। कांग्रेसी नेताओं को भी दूसरी लिस्ट में जगह मिलेगी।

 

बीकानेर यूआईटी चेयरमैन का नाम भी इस लिस्ट में शामिल!

अब जारी होने वाली राजनीतिक नियुक्ति की दूसरी लिस्ट में बीकानेर यूआईटी चेयरमैन का नाम भी शामिल है। हालांकि चेयरमैन की दौड़ में बीकानेर के कई बड़े चेहरे शामिल हैं, लेकिन सरकार ने जिस नाम पर अंतिम मुहर लगाई है वह नाम इस सूची में शामिल है जो कि अब कभी सामने आ सकता है।

 

…तो इसलिए ली जा रही विधिक राय

दरअसल संसदीय सचिवों के मामले में विधि विशेषज्ञों से विधिक राय लेने की एक वजह यह भी है कि अगर गहलोत सरकार 12 से 15 संसदीय सचिव नियुक्त करती है तो विपक्ष इस मामले को कोर्ट में चैलेंज कर सकता है, जहां संसदीय सचिवों की नियुक्ति का मामला कानूनी पचड़ों में फंसकर रह जाएगा। ऐसे में सरकार नहीं चाहती कि संसदीय सचिवों की नियुक्ति का मामला कोर्ट में पहुंचे, इसके लिए गहलोत सरकार पहले विधि विशेषज्ञों से विधिक राय ले रही है और उसके बाद ही कोई फैसला लेगी।

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