बीकानेर सुजानदेसर स्थित एसटीपी का स्लज डायजेस्टर दो साल में ही फट गया। यह तथ्य बीकानेर में हादसे के बाद सबसे ज्यादा चर्चा में रहा। इस हादसे की जिम्मेवारी कौन लेगा बहरहाल यह बताना मुश्किल है, स्लज डायजस्टर फटने के कारणों की जांच एमएनआईटी जयपुर की टीम करेगी।
आरयूआईडीपी के अधिशाषी अभियंता अनुराग शर्मा के अनुसार टीम के शुक्रवार को बीकानेर पहुंचने की संभावना है। शर्मा के अनुसार एसटीपी में डायजेस्टर की दो यूनिट हैं। एक चल रही है और एक स्टैंड बाई है। जो यूनिट चल रही है, उसकी टीम जांच करेगी। वही स्टैंड बाई यूनिट को भी चेक करेगी।
कयास क्या हुआ होगा
एसटीपी प्लांट पूर्णतः ऑटोमेटिक है। प्लांट की पूरी प्रक्रिया स्वचालित तरीके से सम्पन्न होती है। हादसे के दौरान स्लज डायजेस्टर में ऐसा क्या हुआ कि इसकी देखरेख में जुटे दो श्रमिकों को डायजेस्टर के ऊपर जाना पड़ा। कयास लगाया जा रहा है कि संभव है कि श्रमिकों ने स्वचालित तरीके में कुछ गड़बड़ी आ जाने से इसे मैन्युअली ऑपरेट किया और उसी समय यह हादसा हो गया। हालांकि तथ्य यह भी है कि ऑटोमेटिक तरीके के साथ इसमें मैन्युअली भी ऑपरेट करने की व्यवस्था है।
2020 में तैयार हुआ स्लज डायजेस्टर
गंगाशहर सीवरेज परियोजना के तहत 227 करोड़ रुपए के कार्य हुए हैं। एक्सईएन शर्मा ने बताया कि इसमें सुजानदेसर काली माता मंदिर के पास प्लांट में लगा डायजेस्टर भी शामिल है। प्लांट पूरी तरह ऑटोमेटिक है। यह डायजेस्टर सामान्य तरीके से कार्य कर रहा था। प्लांट में कोई दिक्कत नहीं थी।
अत्यधिक दबाव से हादसा होने की आशंका
एसटीपी के स्लज डायजेस्टर में हुए हादसे का कारण डायजेस्टर में अत्यधिक गैस दबाव के कारण होने की अटकलें लगाई जा रही है। एसटीपी में सीवर का पानी-स्लज होती है। पानी व स्लज को डायजेस्टर में ले जाया जाता है। स्लज नीचे रह जाती है व गैस उपर की ओर एकत्र हो जाती है। यहां से
गैस होल्डर में जाती है व पावर का जनरेशन होता है। यह कार्य ऑटोमेटिक होता है। हादसे की सूचना मिलने के बाद देर शाम आरयूआईडीपी जयपुर से टीम बीकानेर पहुंची। टीम ने साइट विजिट की और हादसा स्थल का निरीक्षण किया। एक्सईएन शर्मा के अनुसार टीम में कंसल्टेंट टीम लीडर, अधीक्षण अभियंता और इंजीनियर शामिल रहे।
मुआवजे का आश्वासन
एक्सईएन अनुराग शर्मा के अनुसार एसटीपी प्लांट का कार्य देख रही फर्म ने दोनों मृतकों के परिवारजनों को पांच लाख रुपए का मुआवजा, देने आश्वासन दिया है। इसके अतिरिक्त श्रमिकों के परिवारों को श्रमिक इंश्योरेंस की राशि भी मिलेगी।