बीकानेर, शिक्षा मंत्री डाॅ.बी.डी.कल्ला के प्रयासों से ओलंपिक सावे के दौरान शहरी परकोटे को स्थाई रूप से एक छत मान लिया गया है। इस पर गुरुवार को परशुराम सेवा समिति के पदाधिकारियों ने शिक्षा मंत्री डॉ. कल्ला और महिला अधिकारिता मंत्री श्रीमती ममता भूपेश से जयपुर में मुलाकात की और दोनों का आभार जताया।
इस दौरान शिक्षा मंत्री डॉ. कल्ला ने कहा कि प्रति दो वर्ष में आयोजित होने वाले पुष्करणा ब्राह्मण समाज के सामूहिक विवाह से पूर्व शहरी परकोटे को एक छत मानने के लिए हर बात अनुमति लेनी पड़ती थी। अब राज्य सरकार द्वारा स्थाई रूप से शहरी परकोटा को एक छत घोषित कर दिया है। इससे हर बार अनुमति की प्रक्रिया अपनानी नहीं पड़ेगी। उन्होंने इसके लिए मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत का आभार जताया और कहा कि सामूहिक विवाह आयोजनों से दहेज जैसी कुप्रथा भी समाप्त होती है। डॉ. कल्ला ने कहा कि बीकानेर का ओलंपिक सावा पूरे देश में विशिष्ट स्थान रखता है। इस दौरान सभी आवश्यक सुविधाएं सुनिश्चित करने के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देशित कर दिया गया है। सावा आयोजन तक इसकी नियमित समीक्षा की जाएगी।
महिला अधिकारिता मंत्री ममता भूपेश ने कहा कि सामूहिक विवाह जैसे आयोजनो से एकता और भाईचारे की भावना जागृत होती है। राज्य सरकार भी सामूहिक विवाह जैसे आयोजनों को प्रोत्साहित करना चाहती है। इसके लिए अनुदान जैसी योजना प्रारंभ की गई है।
परशुराम सेवा समिति के अध्यक्ष नवरतन व्यास ने बताया कि मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह एवं अनुदान योजना के अंतर्गत 18 फरवरी को आयोजित होने वाले सावे में पुष्करणा समाज के साथ अन्य किसी भी जाति के नवदंपति को भी अनुदान का लाभ मिल सकेगा। इसके लिए आवेदन की प्रक्रिया पूर्ण हो चुकी है।
इस दौरान कर्मचारी नेता महेश व्यास, विशंभर व्यास, नथमल व्यास, राजकुमार पुरोहित, हरिओम पुरोहित, मनमोहन कल्ला मौजूद रहे ।