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बीकानेर। पुष्करणा समाज का सावा देश के हर समाज के लिये एक मिसाल है,जिसमें शामिल होने के लिये देश और दुनियां में बसे हर समाज का व्यक्ति उस दिन बीकाणा शहर परकोटे में होने वाली बारातों में प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष शामिल होकर आनन्दित होता है और इस सस्कृति को निहारता है।यह उदगार रमक झमक सावा मंच पर पुष्करणा सावा 2022 लोगो लोकार्पण के अवसर पर डी वाई एस पी मुकेश आचार्य ने व्यक्त किये। आचार्य ने कहा कि रमक झमक के प्रयासों से हर समाज और शहर के लोग पुष्करणा सावा सस्कृति को जानने व समझने लगे है,उन्होंने कहा कि सावा एकता समुहता का एक अच्छा उदाहरण है।यह सावा सामूहिकता संदेश देता है।

सावा शोधनकर्ता टीम के कर्मकांडी ज्योतिषी पण्डित राजेन्द्र किराड़ू और पण्डित अशोक ओझा ने कहा कि सावा हमेशा शिव पार्वती सहस्र नामों में से ही किसी एक नाम का चयन किया जाता है । गणना शोधन मुहूर्त शोधन में 2022 का सावा भवानी शंकर संग अम्बिका की शादी का मुहूर्त तय हुआ था।
समाज सेवी पुजारी बाबा ने कहा कि 18 फरवरी को सावा में शादी करने वाले सभी युवक युवतियों की कुंकुम पत्रिका में दूल्हे का नाम भवानी शंकर व दुल्हन का नाम अम्बिका ही छपेगा उनका प्रचलित नाम कोष्ठक में जरूर लिख सकते है ।
रमक झमक के अध्यक्ष प्रहलाद ओझा ‘भैरु’ ने कहा इस सावा परम्परा की यही खाश बात है कि उस दिन दूल्हे -दुल्हन को भगवान और भगवती का दर्जा दिया जाकर अति सम्मान की दृस्टि से देखा जाता है। उस छवि को देखकर निहार कर लोग अपने आपको धन्य समझते है ,इसलिये लोग दूर दूर से आते है और इस बार कोरोना के कारण सावा 2 की बजाय 3 साल से हो रहा है इसलिये बाहर से आने वाले अधिक होंगे क्योंकि वे छबि को निहारना चाहते है।पण्डित नारायण ओझा ने आगन्तुकों का स्वागत किया तथा सुशील किराड़ू ने आभार व्यक्त किया।
एक अन्य जानकारी में रमक झमक के राधे ओझा ने बताया कि काफी संख्या में लोग आज भी बीकानेर पहुच रहे है और रिश्ते यज्ञोपवीत तय हो रहे है और वे नए नोटों की मांग कर रहे है,इसलिये रमक झमक मंच पर शुक्रवार व सोमवार को 12 से 4 बजे तक बैंक ऑफ बड़ौदा की ओर शादी व यज्ञोपवीत वाले परिवारों को कैश विनिमय कर नए नोटों की गड्डिया उपलब्ध करवाई जाएगी।
राधे ओझा ने बताया इसके लिये विवाह पत्रिका व आधार साथ लाना होगा।

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