
बीकानेर,राजस्थान हाईकोर्ट ने गृह विभाग और कार्मिक विभाग को नोटिस जारी कर पूछा है कि एक ही आपराधिक प्रकरण में आरोपी बनाए गए पुलिसकर्मियों को पदोन्नति देने में भेदभाव क्यों किया जा रहा है. जस्टिस महेन्द्र गोयल की एकलपीठ ने यह आदेश आरपीएस लोकेश सोनवाल की याचिका पर दिए।याचिका में अधिवक्ता आरके गौतम और अधिवक्ता जीएस गौतम ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता व एक आईपीएस (IPS) के खिलाफ वर्ष 2013 में एसीबी में मामला दर्ज हुआ था. याचिका में कहा गया कि विभागीय पदोन्नति कमेटी याचिकाकर्ता को सुपर टाइम स्केल में पदोन्नत करने की सिफारिश कर चुकी है, लेकिन याचिकाकर्ता के खिलाफ आपराधिक प्रकरण दर्ज होने का हवाला देते हुए उसे अब तक पदोन्नति नहीं दी गई है।विभाग ने उसके पदोन्नति आदेश को बंद लिफाफे में रख रखा है जबकि राज्य सरकार ने मुकदमा लंबित रहने के दौरान आपराधिक प्रकरण में आरोपी बनाए गए. आईपीएस को पदोन्नति देकर नए पद पर पदस्थापित कर चुकी है. ऐसे में राज्य सरकार को निर्देश दिए जाए कि वह याचिकाकर्ता के पदोन्नति लिफाफे को खोलकर पदोन्नति दे, जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.