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बीकानेर,पुलिस कर्मचारियों के बच्चों को पढ़ाई में आर्थिक सहयोग जल्द मिलेगा। बीकानेर पुलिस और भामाशाह के बीच हुए एमओयू के तहत १८ बच्चों का छात्रवृति के लिए चयन किया गया है। अब जल्द ही इन बच्चों को भामाशाह की ओर से पढ़ाई के लिए आर्थिक सहायता मुहैया कराई जाएगी। बीकानेर पुलिस ने अपने स्तर पर ही नोखा के मूलवास निवासी भामाशाह से पुलिस कर्मचारियों के बच्चों को स्कोलरशीप देने संबंधी एमओयू पिछले साल किया था, जिसे अब लागू किया जा रहा है।

बीकानेर पुलिस विभाग की ओर से केरियर अनुशिक्षण छात्रवृति योजना बनाई गई। इस संबंध में ट्रस्ट गौसेवी श्री पदमाराम कुलरिया (सुथार) चेरिटेबल ट्रस्ट के साथ पिछले साल सात अगस्त को पुलिस महानिदेशक मोहनलाल लाठर के बीकानेर दौरे के दौरान एमओयू किया। पुलिस कर्मचारियों के बच्चों को छात्रवृति देने के लिए एक समिति गठित की गई। समिति में पुलिस अधीक्षक, एएसपी सिटी, अपराध सहायक (एसपी ऑफिस) एवं संबंधित ट्रस्ट का एक प्रतिनिधि शामिल है। करीब पांच महीने की मशक्कत के बाद समिति ने जिले में कार्यरत पुलिस कर्मचारियों के १८ बच्चों का छात्रवृति के लिए चयन किया है।

यह होंगे लाभान्वित
योजना के तहत कांस्टेबल, हैडकांस्टेबल एवं सहायक पुलिस निरीक्षक स्तर के कर्मचारियों के बच्चों को छात्रवृति दी जाएगी। पहले साल १५ एवं आगामी वर्षो में ३० बच्चों को पहले साल साढ़े सात लाख रुप एवं आगामी वर्षों में अधिकतम १५ लाख रुपए राशि की छात्रवृति प्रदान की जाएगी। हर साल दी जाने वाली छात्रवृति की अधिकतम राशि ५० हजार रुपए प्रति आवेदक होगी। इस राशि को समिति की ओर से बढ़ाया या घटया जा सकेगा।

यह होगा फायदा
पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि भामाशाह की इस पहल का पुलिस विभाग के कांस्टेबल से एएसआई स्तर के बच्चे जो पढ़ाई में होशियर है लेकिन बच्चों की पढ़ाई पर जरूरत के हिसाब से खर्च करना मुश्किल हो पाता है, जिससे वह आगे बढ़ नहीं पाते है। साथ ही कर्मचारियों को कई परेशानियां झेलकर बच्चों को पढ़ाना पड़ रहा है। ऐसे होनहार बच्च्चों के लिए भामाशाह का यह सहयोग उनके भविष्य को संवारेगा।

बच्चों के लिए वरदान
कांस्टेबल से एएसआई स्तर के कर्मचारियों के होनहार बच्चों के लिए छात्रवृति योजना बनाई गई। भामाशाह से हुए एमओयू के तहत १८ बच्चों का चयन किया गया है। इन बच्चों की सूची ट्रस्ट को भिजवा दी है। अब ट्रस्ट की ओर से राशि जारी होने पर बच्चों को आबंटित की जाएगी। यह योजना पुलिस कर्मचारियों के बच्चों के लिए वरदान साबित होगी।
योगेश यादव, पुलिस अधीक्षक

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