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जयपुर। गिरिडीह जिले के मधुबन में स्थित झारखंड की सबसे ऊँची पहाड़ी ‘पारसनाथ’ से 24 जैन तीर्थंकरों में से 20 तीर्थंकरों ने मोक्ष प्राप्त किया था, जिसके कारण इसका कण-कण समस्त जैन समाज के लिये सदैव वन्दनीय एवं पूजनीय रहा है। सम्पूर्ण विश्व से प्रतिवर्ष लाखों जैन श्रद्धालु बेहद श्रद्धाभाव से 27 किमी की बेहद कठिन वंदना करते है और सभी जैन पर्वतराज की पवित्रता को बनाए रखना अपना सर्वोच्च कर्तव्य और धर्म समझते है।

बड़े दुःख का विषय है कि झारखंड प्रशासन की लापरवाही के कारण सर्वोच्च जैन तीर्थ की पवित्रता को सैर सपाटे, ट्रेकिंग और पिकनिक के नाम पर नष्ट करने का भरपूर प्रयास किया जा रहा है जो दुखद, चिंतनीय और असहनीय है और भारतीय संविधान और अल्पसंख्यक समाज के अधिकारों का घोर उल्लंधन है क्योकि तीर्थो को संरक्षण प्रदान करना केन्द्र व राज्य सरकार की पूर्ण जिम्मेदारी है।

पर्वतराज को पर्यटन स्थल समझकर मात्र पर्यटन और मनोरंजन के लिये आने वाले लोग जैन तीर्थंकरों की टोंकों पर जूते चप्पल और बैग में अभक्ष्य सामग्री बीडी, सिगरेट, मांसाहार और चमड़े से बनी वस्तुओं के साथ जाते हैं और पर्वतराज पर मांसाहार व शराब का सेवन कर अश्लील गानों पर नृत्य करते पाए गए हैं जिसे जैन समाज की धार्मिक भावनाओं को गम्भीर ठेस पहुंची है, किसी भी परिस्तिथि में जैन समाज ऐसे कृत्यों को स्वीकार नही करेगा। सम्पूर्ण भारत में अन्य किसी भी धर्म के प्रमुख धार्मिक स्थल पर ऐसा पाप कार्य होना आज तक संज्ञान में नहीं आया क्योकि श्रद्धालुओं के सामान की जांच व सुरक्षा व्यवस्था राज्य पुलिस के साथ केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के अंतर्गत होती हैं और प्रवेश हेतु पंजीकरण स्लिप देने के साथ पवित्रता रखने हेतु नियमों का पालन कराया जाता है।

पिंक सिटी प्रेस क्लब, जयपुर में आयोजित प्रेस वार्ता में दिल्ली से पधारे विश्व जैन संगठन के अध्यक्ष संजय जैन ने बताया कि संगठन द्वारा केंद्र सरकार व झारखण्ड सरकार को श्री सम्मेद शिखर के सम्पूर्ण क्षेत्र में माँस व शराब बिक्री को कड़ाई के साथ प्रतिबन्धित कर ‘पारसनाथ’ पर्वत की पवित्रता व संरक्षण के लिए इसे ‘पवित्र जैन तीर्थ” घोषित करने और संगठन द्वारा बिना किसी सरकारी अनुदान लिए सुरक्षा जांच व आवश्यक सुविधाओं हेतु उपकरण व सामग्री निशुल्क उपलब्ध कराने हेतु 27 जनवरी 2022 को याचिका भेजी गयी है और यदि सरकार द्वारा अतिशीघ्र निर्णय नहीं लिया गया तो जैन धर्म रक्षकों को मजबूर होकर अपने सर्वोच्च तीर्थ की रक्षार्थ शांतिपूर्ण आन्दोलन के साथ आमरण अनशन करना पड़ेगा जिसकी पूर्णत: जिम्मेदारी केंद्र सरकार व झारखंड राज्य सरकार की होगी।

संगठन की जयपुर इकाई व वार्ता संयोजक बाबू लाल जैन और राजेश जैन, विकास जैन, विपिन जैन (जैन लाइफ), दिल्ली, राजस्थान जैन सभा महामंत्री प्रदीप जैन लाला, युवा महासभा महामंत्री विनोद जैन कोटखावदा, राजस्थान जैन सभा सचिव मनीष वैद, अखिल भारतीय दिगम्बर जैन युवा एकता संघ अध्यक्ष अभिषेक जैन बिट्टू, प्रदेश अध्यक्ष प्रमोद जैन बाकलीवाल और दीपेश जैन, जयपुर ने केंद्र व राज्य सरकार सकल जैन समाज की धार्मिक भावनाओं का ध्यान रखते हुए पारसनाथ पर्वत की वंदना मार्ग को अतिक्रमण और अभक्ष्य वस्तुओं की बिक्री से मुक्त कर सुरक्षा जांच बैरियर्स और अन्य आवश्यक सुविधाएँ उपलब्ध कराने की मांग की।

*जयपुर में समाज को जोड़ने की चलेगी मुहिम, घर-घर भरवाए जाएंगे डाक पोस्ट, भेजेगे केंद्र सरकार, झारखण्ड और राज्य सरकार को*

विश्व जैन संगठन द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर श्री सम्मेद शिखर की सुंदरता, सुरक्षा और स्वच्छता को लेकर चलाई जा रही मुहिम को राजस्थान में गति प्रदान करने के लिए जयपुर में अखिल भारतीय दिगम्बर जैन युवा एकता संघ डोर केम्पेन चलाएगा। संघ अध्यक्ष अभिषेक जैन बिट्टू ने पत्रकार वार्ता में घोषणा करते हुए बताया कि श्री सम्मेद शिखर की सुरक्षा और स्वच्छता की मांग को लेकर जयपुर में प्रवासरत सभी समाज बन्धु और परिवारों को जोड़कर इस मुहिम को गति प्रदान कर एकजुटता प्रदान करेगा। इस मुहिम के तहत सभी समाज बन्धुओ से 5 डाक पोस्ट भरवाए जायेगे, जिसमे प्रधानमंत्री, केंद्रीय गृहमंत्री, झारखण्ड सरकार, राजस्थान सरकार, अल्पसंख्यक आयोग को भेजे जाएंगे।

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