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बीकानेर,सरकारी योजनाओं व उसके माध्यम से मिलने वाली अन्य सुविधाओं का लाभ लोगों तक सुगमता से पहुंचे, यह सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी भी सरकारों की ही है। व्यक्ति के पहचान पत्र के नाम पर आधार कार्ड की अनिवार्यता का सवाल जब भी खड़ा होता है, नीति नियंताओं की तरफ से यह तर्क दिया जाता रहा है कि पहचान के लिए आधार के अलावा अन्य वैकल्पिक पहचान पत्र भी मान्य है। लेकिन इस बात को देखने की परवाह कोई नहीं करता कि कहीं आधार कार्ड की अनिवार्यता की आड़ लेकर लोगों को पहचान दस्तावेज के झमेलों से आए दिन दो-चार होना पड़ता है।

कोविड वॅक्सीनेशन सेंटर पर आधार कार्ड मांगने पर सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचे ड्राइविंग लाइसेंस, पासपोर्ट सहित नौ पहचान दस्तावेजों में से किसी एक को एक मामले में केंद्र सरकार ने यह पक्ष रखा है कि न तो कोविड वैक्सीनेशन के लिए कोविन पोर्टल पर पंजीयन के लिए आधार अनिवार्यता की कोई शर्त है और न ही कोविड वैक्सीनेशन सेंटर पर सिर्फ आधार कार्ड ही पहचान के रूप मैं मांगा जा रहा है। इससे पहले केन्द्रीय स्वास्थ और परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से सुप्रीम कोर्ट में पेश किए गए हलफनामे में भी कहा गया कि पैन कार्ड, कोविड टीकाकरण के लिए पहचान पत्र के रूप में पेश किया जा सकता है। हलफनामे अपनी जगह सही हैं, पर जब सुप्रीम कोर्ट को कहना पड़े कि संबंधित सभी प्राधिकरणों को केंद्र की इस घोषित नीति का अनुपालन करना चाहिए। तो मानना चाहिए कि पहचान पत्र को लेकर सरकार की इस नीति को प्रचारित ही नहीं किया गया। न केवल कोविड टीकाकरण, बल्कि जहां कहीं भी पहचान के लिए आधार कार्ड के विकल्प घोषित रूप से मौजूद हैं वहां भी जब आधार कार्ड के लिए बाध्य किया जाए तो जानकारी के दुरुपयोग की शंका स्वाभाविक है। आधार कार्ड का मोबाइल से लिंक होना भी इस समस्या को बढ़ाने वाला होता है। मोबाइल उपभोक्ताओं के पास अनचाहे संदेशों की बाढ़ एक जगह दर्ज सूचनाओं के दूसरी जगह बढ़ते इस्तेमाल के संदेह को बल देने के लिए काफी है। सरकारों की मंशा भी इस दुष्प्रवृत्ति को नजरअंदाज करने की होने लगी है।आधार की अनिवार्यता व निजता को लेकर लंबी बहस हो चुकी है।सरकारों के स्पष्टीकरण व अदालतों के निर्देशों के बावजूद बच्चों की पढ़ाई से लेकर परीक्षा तक और पहचान पत्र की जरूरत के दूसरे मौकों पर आधार कार्ड मांगा जाए तो सवाल उठेंगे ही। देखा जाए तो पहचान पत्रों को लेकर दिशा-निर्देश देना ही काफी नहीं, इनको प्रचारित भी करना होगा ताकि लोग परेशान न हों। बेवजह परेशान तो नहीं किया जा रहा। स्पष्ट निर्देशों के अभाव में लोगों को में मांगा जा रहा।

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