बीकानेर देश की आजादी के आंदोलन में अपना सर्वस्व न्यौछावर करने वाले स्वतंत्रता सेनानियों के आश्रितों को भी नगर विकास न्यास भूल गया है। वर्ष 2013 में आश्रितों को भूखंड़ों का आवंटन करने के आठ साल बाद भी न्यास ने अब तक न भूखंड़ों की राशि जमा की है और नही भूखंड़ो का कब्जा और पट्टे ही दे पाया है। जबकि स्वतंत्रता सेनानियों के आश्रितों को उनके नाम के अनुसार स्वर्ण जयंती आवासीय योजना के ए ब्लॉक व शौकत उस्मानी नगर में भूखंड़ों का आवंटन नगर में भूखंडों का आवंदन स्वीकृति के बाद भी स्वतंत्रता की फाइल को ठंडे बस्ते में रखना, न्यास की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर रहा है।
इनको हुआ आवंटन
न्यास ने स्वर्ण जयंती नगर आवासीय योजना में मनोहरी देवी पारीक पत्नी मूलचंद पारीक, भगवती देवी पत्नी पारीक, भावती देवी पत्नी पत्नी गंगादत्त रंगा, कमला देवी पत्नी सेनानियों के आश्रितों से जुड़े मामले रामनारायण शर्मा, इन्द्रा देवी पत्नी सुरेन्द्र कुमार शर्मा, अशोक कुमार शर्मा पुत्र वेद प्रकाश शर्मा, राजेन्द्र कुमार शर्मा पुत्र किशन गोपाल शर्मा, निकाले चक्कर अशोक कुमार माथुर पुत्र अम्बालाल माथुर, शोदरा देवी हर्ष पत्नी सत्यनारायण हर्ष, गौरी देवी स्वामी पत्नी गणेश चन्द्र स्वामी, सुमन पत्नी वैष्णुदास पुरोहित को ए ब्लॉक में बुखदुआखटितक कोलॉट सार्ककर दिए थे। वहीं शौकत उस्मानी आवासीय योजना में मोहम्मद सलीम पुत्र उस्मान गनी को प्लॉट आवंटित किया गया।
निकालें चक्कर लगाई गुहार
स्वतंत्रता सेनानी परिवार से जुड़े अशोक कुमार माथुर और शांति लाल शर्मा का कहना है कि भूखंड़ो “का आवंटन होने के बाद नगर विकास न्यास के दर्जनों चक्कर निकालने के साथ मौखिक और लिखित में प्लॉटों की राशि जमा कर कब्जा देने और पट्टे देने की मांग की जा चुकी है। न्यास न संतोषजन जवाब दे रहा है और ना ही राशि जमा कर रहा है। राशि जमा नहीं होने तक फॉटोटका कब्ज और नष्ट मिलके असंभव है।
स्वीकृति के बाद दिए भूखंड
नगर विकास न्यास के पूर्व अध्यक्ष मकसूद अहमद के अनुसार वर्ष 2013 में राज्य सरकार से स्वीकृति मिलने के बाद स्वतंत्रता सेनानियों के आश्रितों को स्वर्ण जयंती नगर में 11 व एक शौकत उस्मानी नगर में भूखंडों का आवंटन कर भूखंड मार्ककिए थे। इनसे राशि जमा करवाकर भूखंडों का कब्जा व पट्टे देने शेष थे। पूर्व न्यास अध्यक्ष के अनुसार स्वतंत्रता सेनानियों और उनके परिवारजनों का मान-सम्मान करना प्रत्येक देशवासी का कर्तव्य है। जल्द मूखंड आवंटन संबंधित शेष प्रक्रिया पूरी कर भूखंड दिए जाने चाहिए।
संवेदनशीलता की कमी
स्वतंत्रता सेनानी आशीष अशोक कुमार माथुर के अनुसार 8 साल बाद भी राशि जमा नहीं होना संवेदनशीलत की कमी बता रहा है स्वतंत्रता सेनानी आश्रित शांति लाल शर्मा के अनुसार न्यास से संतोषजन जवाब नहीं मिल रहा है। मामला पुराना होने, जयपुर से आदेश लेने सहित कई बहाने बनाकर मामले का ढिलाई में छोड़ रखा है।
ठंडे बस्ते में डाली पत्रावली
वर्ष 2013 में तत्कालीन कांग्रेस सरकार के कार्यकाल के दौरान न्यास ने स्वतंत्रा सेनानी आश्रितों को राज्य सरकार से स्वीकृति मिलने के बाद 12 मूखंड़ों का आवंटन किया था। कुछ समय बाद प्रदेश में विधानसभा चुनाव के बाद प्रदेश में सरकार बदल गई सरकार बदलते ही भूखंड आवंटन से संबंधित पत्रवाली भी ठंडे बस्ते में चली गई। हालांकि इस दौरान भी स्वतंत्रा सेनानी परिवारों के आश्रितों ने बीकानेर से जयपुर तक कई चक्कर निकाले, लेकिन नतीजा नहीं निकला। प्रदेश में पुनः कांग्रेस की सरकार आए हुए तीन वर्ष का कार्यकाल बीत चुका है, लेकिन स्वतंत्रता सेनानी परिवारों के आश्रितों से अब तक न रिजर्व प्राइस की पचास प्रतिशत राशि को जमा करवाया गया है और न भूखंड के कब्जे दिए जा रहे हैं।
जल्द ली जाएगी जानकारी
मामला पुराना है। सोमवार को मंगवाकर इसकी जानकारी ली जाएगी। राशि जमा क्यों नहीं हुई या भूखंडों के कब्जे पट्टों में हुई देरी की जानकारी फाइल देखने के बाद ही वास्तविक स्थिति बताई जा सकी
नरेन्द्र सिंह राजपुरोहित, सचिव, नगर विकास न्यास,