बीकानेर के लूणकरनसर में तेंदुए आने की आशंका ने ग्रामीणों में दहशत पैदा कर दी है। गुरुवार को सुरनाणा के ग्रामीणों ने तेंदुआ होने की आशंका जताई तो शुक्रवार सुबह 25 किलोमीटर दूर कुजटी में नजर आने का दावा किया जा रहा है। शुक्रवार सुबह ही वन विभाग की टीम कुजटी के लिए रवाना हो गई। हालांकि वन विभाग अभी तय नहीं कर पाया है कि इस क्षेत्र में तेंदुआ है या कोई दूसरा जानवर।
इस जानवर का शिकार सुरनाणा में किया गया। आशंका है कि पैंथर ने ही इसे मारा।
इस जानवर का शिकार सुरनाणा में किया गया। आशंका है कि पैंथर ने ही इसे मारा।
माना जा रहा है कि धोरों के बीच तेंदुआ शिकार के लिए रात में इधर से उधर चक्कर काटता है। देर रात करीब साढ़े तीन बजे जंगल में नजर आया है। क जंगली जानवर का शिकार भी किया है। अब वन विभाग को कुजटी में ऐसा ही पगमार्क मिला है। इसकी पड़ताल की जा रही है। वन रक्षक लेखराम गोदारा ने बताया कि एक टीम सुरनाणा, कुजटी सहित आसपास के गांवों में छानबीन कर रही है। ग्रामीण भी इस पड़ताल में सहयोग कर रहे हैं।
ग्रामीणों को ये पगमार्क मिले हैं, जो पैंथर के माने जा रहे हैं।
ग्रामीणों को ये पगमार्क मिले हैं, जो पैंथर के माने जा रहे हैं।
इससे पहले सुरनाणा गांव की दक्षिण रोही में अलसुबह करीब साढ़े तीन बजे के आस पास खेत की रखवाली कर रहे एक किसान को तेंदुए जैसा जंगली जानवर दिखाई दिया था। गौरतलब है कि गांव से चक 4,5 व 6 डीएलएम को जाने वाले रास्ते पर स्थित विधुत जीएसएस के पास मोहनराम हुड्डा के खेत में गुरुवार सुबह जल्दी करीब 3:30 बजे सरसों के खेत में चिमनाराम हुड्डा रखवाली कर रहे थे। टॉर्च की रोशनी में तेंदुए जैसा जानवर दिखा, वो कोई शिकार कर रहा था। बाद में देखा तो एक गीदड़ का शिकार किया गया था।
इसकी सूचना तत्काल वन विभाग के अधिकारियों को दी। वन विभाग के अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर जंगली जानवर के पद चिन्ह लेकर उच्च अधिकारियों को भिजवाए। बीकानेर से भी वन विभाग की टीम इस गांव में पहुंची है। जो क्षेत्र में पैंथर होने की आशंका पर काम कर रही है। इस मौके पर वनरक्षक विजयपाल, लेखराम गोदारा, सुशीला व बीकानेर वाइल्ड लाइफ से मुकेश कुमार व जगदीश पहुंचे। उन्होंने पदचिन्हों के फुटेज लिए व किसानों से सावधानी रखने की बात कही है।
पहले भी आए हैं पैंथर
यह पहला मौका नहीं है जब लूणकरनसर के गांवों में तेंदुए की आशंका बनी है। इससे पहले भी कई बार गांवों में इस तरह के दृश्य नजर आए हैं, जिससे लगता है कि तेंदुए इस एरिया में कहीं न कहीं निवास कर रहे हैं। दरअसल, खेतों में हरियाली रहती है, जिसकी तरफ तेंदुए व अन्य जानवर आकर्षित होते हैं, लेकिन वो रात में ही इस एरिया में आते हैं। दिन में कहीं दूर धोरों में या जंगल में जाकर छिप सकते हैं।