Trending Now




बीकानेर,कांग्रेस नेता और कार्यकर्ता के लिए राजनीतिक नियुक्तियों का इंतजार खत्म होने का ही नाम नहीं ले रहा। जब भी प्रदेश में नगर निगम, पंचायत चुनाव और विधानसभा चुनाव आए तो कहा गया कि चुनावों में बेहतर परफोर्मेंस देने वाले नेताओं को नियुक्ति मिलेंगी, लेकिन नहीं मिली। अब नेताओं को एक बार फिर विधानसभा के बजट सत्र से पहले राजनीतिक नियुक्तियों की उम्मीद बंधी है।

जयपुर।प्रदेश कांग्रेस में राजनीतिक नियुक्तियों और संसदीय सचिव बनने की उम्मीद लगाए बैठे विधायकों में से कुछ को विधानसभा सत्र से पहले नियुक्ति मिल सकती है। बताया जा रहा है कि संसदीय सचिव और राजनीतिक नियुक्ति नहीं मिलने से पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ ही विधायकों में भी नाराजगी है। एसे इन्हें साधने को लेकर सरकार नियुक्ति दे सकती है।

सूत्रों के मुताबिक सत्र से पहले सभी को राजनीतिक नियुक्ति नहीं मिलेगी और न ही ज्यादा संख्या में विधायक संसदीय सचिव बनाए जाएंगे। लेकिन सरकार कुछ आयोग और बोर्ड में नियुक्ति देने के साथ ही कांग्रेस का साथ दे रहे बसपा से आए विधायक और निर्दलीयों में से कुछ को तोहफा मिल सकता है। लंबे समय से इन नियुक्तियों को इंतजार किया जा रहा है। सरकार का तीन से ज्यादा का कार्यकाल पूरा हो चुका है। वहीं ससंदीय सचिव बनाना का भी जिन विधायकों को आश्ववासन दिया गया था। वे भी नियुक्ति का इंतजार कर रहे हैं। प्रदेश में करीब 50 बोर्ड, आयोग और अकादमियों में नियुक्ति देने के साथ ही करीब पन्द्रह ससंदीय सचिव बनाए जाने की चर्चा है। लेकिन अभी कुछ लोगों को ही नियुक्ति मिलना बताया जा रहा है।

इन बोर्ड आयोग और अकादमियों में नियुक्ति पाने पर नेताओं की नजर…
अल्प संख्यक आयोग, ओबीसी आयोग, एससी आयोग, महिला आयोग, निशक्तजन आयोग, किसान आयोग, बाल संरक्षण आयोग, एसटी आयोग, गौ सेवा आयोग, सूचना आयोग, पशुधन विकास बोर्ड, उपाध्यक्ष पशुधन विकास बोर्ड, सैनिक कल्याण बोर्ड, मगरा विकास बोर्ड, लघु उद्योग विकास बोर्ड, राज्य खाद्य बीज निगम, भूदान आयोग, केश कला बोर्ड, समाज कल्याण बोर्ड, हज कमेटी, मदरसा बोर्ड, बाल सुधार आयोग, उपाध्यक्ष एसटी आयोग, उपाध्यक्ष एससी आयोग, उपाध्यक्ष पशु कल्याण बोर्ड, अध्यक्ष विशेष योग्यजन, अध्यक्ष वक्फ बोर्ड, वेयर हाऊसिंग कॉरपोरेशन, राजस्थान वरिष्ठ नागरिक बोर्ड सहित 41 बोर्ड शामिल हैं। इनके अलावा यूआईटी और अन्य जगह पर नियुक्ति की उम्मीद लगाए कांग्रेस नेता बैठे हैं।

Author