बीकानेर। सीवरेज के अनुपचारित जल के अव्यवस्थित फैलाव के मामले में नोखा नगर पालिका की मुश्किलें थमने का नाम ही नहीं ले रही है। लाखों करोड़ों के जुर्मानों व भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो में शिकायत के बाद अब नोखा के बीस परिवार पालिका के खिलाफ न्यायालय में चले गए हैं। नोखा के वार्ड नंबर 41 व 42 के इन 20 परिवारों ने दस-दस लाख की क्षतिपूर्ति हेतु जिला एवं सत्र न्यायालय बीकानेर में मुकदमा लगाया है।
अधिवक्ता विनायक चितलांगी, रवैल भारतीय व अरुण के अनुसार वंदना, खुश्बू चौधरी, रामी देवी, हनुमान, बजरंग लाल, बबलू जोशी, नारायण जोशी, कानाराम, हीरालाल, मीरा देवी, राजूराम, अर्जुन लाल जोशी, गट्टू देवी, सुखराम नाई, पूनमचंद शर्मा, करणी सिंह, सुंदरलाल, प्रेम, भगीरथ व राजाराम आदि ने न्यायालय की शरण ली है।
परिवादियों का कहना है कि नोखा नगर पालिका ने सीवरेज जल का ट्रीटमेंट नहीं किया। बिना ट्रीटमेंट का यह दूषित जल उनके वार्ड के आस पास छोड़ा जा रहा है। इस वजह से उनके व उनके परिवार के स्वास्थ्य पर नकारात्मक असर पड़ा है। इस परेशानी की वजह से उन्हें मानसिक परेशानी भी हो रही है। ऐसे में न्यायालय आरोपियों से दस दस लाख रूपए बतौर क्षतिपूर्ति दिलवाए।
बता दें कि सीवरेज के अनुपचारित जल के फैलाव का मामला एनजीटी, राज्य प्रदूषण बोर्ड व एसीबी में भी जा चुका है। कहा जा रहा है कि यह दूषित जल भूजल प्रदूषण भी कर रहा है। ट्यूबवेल से दूषित जल निकलने लगा है। पांच फीट जमीन खोदने पर कीचड़ निकल आता है। एनजीटी ने मामले में नोखा पालिका पर पचास लाख का जुर्माना ठोका था। जो पालिका ने कलेक्टर को जमा करवा दिए बताते हैं। वहीं प्रदूषण बोर्ड ने सवा दो करोड़ जुर्माना लगाया, हालांकि पालिका ने इस मामले में सरकार की शरण ले ली है। वहीं एसीबी भी ने भी विभिन्न मुद्दों संज्ञान लिया है।
अधिवक्ताओं के अनुसार अभी 20 परिवारों द्वारा क्षतिपूर्ति हेतु न्यायालय की शरण ली गई है। जल्द ही मुकदमों का यह आंकड़ा दो सौ तक पहुंच सकता है। अगर 200 परिवार क्षतिपूर्ति की मांग लेकर मुकदमा करते हैं तो पालिका पर 20 करोड़ का अतिरिक्त भार पड़ सकता है।