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जयपुर महानगरों में अक्सर पार्किंग स्थल पर लोग एक वाहन के आगे अपना वाहन पार्क कर चले जाते हैं और इसके बाद पीछे खड़े वाहन के मालिक के पास उनका इंतजार करने के अलावा कोई रास्ता नहीं बचता इसके चलते कई बार झगड़े तक की नौबत आ जाती है। अत्याधुनिक क्यूआर कोड तकनीक से अब इस समस्या

निजात मिल सकती है। पार्किंग में फंसे वाहन पर लगे क्यूआर कोड को स्कैन कर उसके मालिक को फोन किया जा सकेगा। ये क्यूआर कोड ई मित्र केंद्र पर मिल सकेंगे। इसका प्रस्ताव सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग को भेजा गया है। जल्द ही इसे स्वीकृति मिलने की संभावना है।

परेशानी से मिलेगी निजात

पार्किंग में गाड़ी का फंसना शहर की बड़ी समस्याओं में से एक है। कई बार मेडिकल इमरजेंसी में लोग परेशान भी होते रहते हैं मगर उन्हें समाधान नहीं मिलता। वहीं, कई बार वाहन निकालने में एक से दो घंटे तक बर्बाद हो जाते हैं। इससे गुस्साए लोगों में आपसी तकरार भी. हो जाती है। ऐसे में नई तकनीक इससे निजात दिला सकती है।

निजता सुरक्षित,सॉफ्टवेयर से फोन

वाहन पर लगे क्यूआर कोड को व्यक्ति अपने फोन से जैसे ही स्कैन करेगा, एक विंडो खुलेगी। इसमें कॉल नाउ व कॉल इमरजेंसी दो विकल्प होंगे। कॉल नाउ पर क्लिक करने पर सीधा वाहन मालिक को फोन जाएगा। लेकिन, वाहन मालिक का नंबर फोन पर दिखाई नहीं देगा। कॉल सॉफ्टवेयर के माध्यम से जाएगा। वहीं, वाहन मालिक को भी कॉल करने वाले का नंबर दिखाई नहीं देगा। इससे लोगों की निजता बनी रहेगी।

इमरजेंसी में भी मददगार

पार्किंग के अलावा इमरजेंसी में भी यह सहायक बनेगा क्यूआर कोड लगे वाहन का एक्सीडेंट हो जाने पर उसे स्कैन कर कौल इमरजेंसी पर फोन किया जा सकेगा। फोन कार मालिक की ओर से दिए गए इमरजेंसी नंबर पर जाएगा।

सुविधाजनक होगा

क्यू आर कोड जल्द ही ई-मित्र पर उपलब्ध होंगे। इस सुविधा से पार्किंग परेशानी के साथ-साथ इमरजेंसी में भी सहायता मिलेगी। ऋतेश कुमार शर्मा, एसीपी, आइटी विभाग, जयपुर जिला

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