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बीकानेर। जेल का नाम सुनते ही शोले फिल्म का सीन आंखों के आगे घुमने लगता है। सलाखों में कैद होने के बाद रिहाई की आस लिए सजायाफ्ता व्यक्ति अंगुलियों पर दिन गिनता रहता है। बंदियों को जेल से अवकाश पर छोड़ा जाता ताकि उनका अपराधी मन समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को समझे लेकिन कुछेक बंदी इसका गलत फायदा उठाते हैं। पिछले तीन साल में बीकानेर में बीकानेर केन्द्रीय कारागार एवं खुली जेल से ४१ बंदियों पैरोल से फरार हो गए, जिनमें से 28 बंदी पकड़े गए लेकिन १३ बंदी अभी भी फरार हैं। स्थानीय पुलिस और जेल प्रशासन इनकी तलाश में है। पैरोले से भागने वाले बंदी पुलिस के लिए बेवजह का सिरदर्द बने हुए हैं।

वे लौट कर नहीं आए
बीकानेर सेंट्रल जेल से हर साल करीब ८५ से ९० बंदी पैरोल पर छोड़े जाते हैं। वर्ष 2०१९ में सात, साल 2020 में नौ और 2021 में आठ बंदी पैरोल से फरार हो गए, जिनमें से १९ को वापस पकड़ लिया गया लेकिन छह बंदी आज तक हाथ नहीं आऐ। इसी प्रकार खुली जेल से वर्ष 20१9 में ८, साल 2020 में चार, 2021 में पांच बंदी पैरोले से फरार हो गए, जिसमें से १० बंदी वापस पकड़े जा चुके हैं लेकिन सात बंदियों की आज भी तलाश जारी है। फरार होने वाले बंदियों में हत्या, बलात्कार जैसे गंभीर मामलों में उम्रकैद की सजा भुगतने वाले बंदी भी हैं।

दो तरह की होती है पैरोल

आपात पैरोल :- जब बंदी के परिवार में किसी की मौत, बीमार या फिर परिवार में किसी की शादी हो उस वक्त उसे कस्टडी पैरोल दिया जाता है।

रेग्युलर पैरोल :- रेग्युलर पैरोल दोषी को ही दिया जा सकता है, अंडर ट्रायल को नहीं। पैरोल के नए नियम के अनुसार अगर दोषी संगीन अपराधी का दोषी है और उसने दस साल साल की सजा काट ली हो तो उसे रेग्युलर पैरोल दिया जा सकता है।

आखिर पकड़े जाएंगे
पैरोल बंदियों को मिलने वाली सुविधा है। पैरोल से भाग कर बंदी अपना रिकॉर्ड खराब करते है। इसके बाद उन्हें भविष्य में पैरोल मिलना मुश्किल हो सकता है। पैरोल से भागने वाले बंदी पुलिस के लिए सिरदर्द है। बंदी भागकर जाएंगे कहां, आखिरकार पकड़े जाएंगे। तीन साल में ४१ बंदी पैरोल से फरार हुए, जिनमें से 28 बंदी पकड़े जा चुके हैं। १३ बंदी अभी भी फरार है जो पकड़े जाएंगे।
योगेश यादव, पुलिस अधीक्षक

थाने में मामला दर्ज
बीकानेर केन्द्रीय कारागार व खुली जेल से पैरोल पर गए १३ बंदी वापस नहीं लौटे हैं, जिनकी तलाश की जा रही है। बंदियों के खिलाफ संबंधित थानों में फरारी का मामला दर्ज कराया गया है। पैरोल एक पक्रिया है, जिसका नियमानुसार पालना किया जाता है। कुछेक बंदी पैरोल की सुविधा का गलत फायदा उठाते हैं, जिसका बाद में उन्हें खमियाजा भुगतना पड़ता है।
आर. अनंतेश्वरन, जेल अधीक्षक

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