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बीकानेर,भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया पहले एक बार बीकानेर आए तो नोखा में जागरण सुनकर चले गए। दूसरी बार स्वागत करवाया और चलते बने। इस बार समर्पण विधि जिसका 2 करोड़ लक्ष्य रखा है कि समीक्षा करेंगे और संगठन की बैठक लेंगे। समर्पण निधि में करीब 50 लाख रुपए इक्कठे हुए है। 11 फरवरी ( दीन दयाल उपाध्याय स्मृति) तक लक्ष्य पूरा होना है। रही संगठन की बात तो देहात जिलाध्यक्ष और कार्यकारिणी कि सक्रियता और कार्य दक्षता पर तो सवाल खड़े करना बेमानी है। प्रदेशाध्यक्ष की जिला संगठनों पर अगर पकड़ है तो वे खुद ही बीकानेर देहात अध्यक्ष के संगठन गतिविधियों का आकलन करते ही होंगे। रही बात शहर जिला संगठन कि तो 82 बूथ, 8 मंडल और 7 मार्चे सक्रिय है। राजस्थान में बीकानेर शहर जिलाध्यक्ष और कार्यकारणी की सक्रियता की अपनी पहचान है। इसमें पश्चिम के चार मंडल और पूर्व विधान सभा के चार मंडलों की सक्रियता में फर्क है। पूर्व विधानसभा के चारों मंडल ज्यादा सक्रिय हैं। सात मोर्चों में ओबीसी मोर्चा अध्यक्ष राजा राम विश्नोई, युवा मोर्चा अध्यक्ष वेद व्यास, एसी एस्टी मार्चा सोहन चंवरिया के संगठन के कामों को जांचने की जरूरत है। किसान मोर्चा के श्याम सुंदर, महिला मोर्चा के सुमन छाजेड की संगठन में भूमिका ठीक मानी जा रही है। भाजपा के देहात के दो विधायक बिहारी विश्नोई और सुमित गोदारा,शहर की एक विधायक सिद्धि कुमारी और सांसद व केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल की संगठन में भूमिका के विश्लेषण की फिलहाल आवश्यकता नहीं है। बीकानेर शहर जिला कार्यकारणी अध्यक्ष अखिलेश प्रताप सिंह, मोहन सुराना, अशोक प्रजापत, सत्य प्रकाश आचार्य तथा संगठन के लोगों की सक्रियता तारीफे काबिल है। प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया को बीकानेर जिले में शहर और देहात संगठन के दोनों पलड़े तौलने की जरूरत है। कोई ऊपर नीचे तो नहीं है।

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