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बीकानेर, प्रदेश में नई आबकारी नीति में अधिक से अधिक राजस्व अर्जित करने के चलते सरकार व विभाग इस प्यार दुकानों के नवीनीकरण या फिर नए सिरे से ई-ऑक्शन को लेकर अभी निर्णय नहीं ले पा रहे हैं। इसी को लेकर भी आवकारी की नई पॉलिसी में

अभी देरी हो रही है। इस बार सरकार का पूरा फोकस मद्य संयम नीति के बीच ज्यादा से ज्यादा राजस्व अर्जन का है। इसे लेकर सरकार नई आबकारी नीति में कई बड़े निर्णय ले सकती है।

इन निर्णयों में ड्यूटी व लाइसेंस फीस बढ़ाने के साथ ही ड्राट बीयर के लिए माइक्रोवेवरी के ज्यादा से ज्यादा लाइसेंस दे सकती है। इसके अलावा 35 यूपी (अंडर प्रूफ) की राजस्थान निर्मित मदिरा (आरएमएल) अलग कैटेगिरी पर भी निर्णय हो सकता है। आबकारी की वर्ष 2022-23 की नई पॉलिसी को लेकर सरकार व विभागीय स्तर पर अभी गहन मंथन चल रहा है। अधिकारी कई बाहरी राज्यों की पॉलिसी को भी देखकर जोड़ तोड़ की गणित बिठाने में जुटे हैं। निर्णय में देरी होने के कारण ही पॉलिसी के संभवतः 15 फरवरी के बाद आने की उम्मीद जताई जा रही है। इस बीच, ठेकेदार कोरोना की रफ्तार धीमी होने से मौके की दुकानों के दांव के लिए सालभर की कमाई का हिसाब लगाने में जुटे हैं।

दुकानों के ई-ऑक्शन व नवीनीकरण पर चल रहा विचार

आरएमएल की अलग हो सकती है केटेगिरी

राजस्थान निर्मित मंदिरा (आरएमएल) की 35 यूपी की अलग केटेगिरी की शराब पर विचार चल रहा है। विभाग का कहना है कि अभी ठेकेदार आरएमएल को गारंटी के साथ उठाते हैं। अंग्रेजी की 25 यूपी की तरह ही आरएमएल भी उतने ही करंट की है। यह अंग्रेजी शराब की बिक्री को प्रभावित करती है, इसे लेकर 35 यूपी आरएमएल पर निर्णय हो सकता है।

इन पर भी चल रहा मंथन

सरकार महानगरों की तर्ज पर ड्राट बीयर के लिए माइक्रोबेवरी के ज्यादा से ज्यादा लाइसेंस दे सकती है। इसमें मिनी प्लांट से ताजा बीयर मिलती है, पिछले साल ही इसे लागू कर दिया था लेकिन कुछ लाइसेंस जयपुर में ही दिए गए थे। इस बार यह लाइसेंस सभी जिले में खुला किया जा सकता है।

विभाग की ओर से इस बार 20 सहायक अधिकारियों के नए पद भरे गए हैं, जिससे आबकारी निरोधक दल व आबकारी विभाग को मजबूत किया जाएगा। विभाग तकनीकी रूप से होगा मजबूत, तस्करी व अवैध मदिरा पर फोकस रहेगा।

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