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बीकानेर, सरकारी स्कूलों में कक्षा 9 से 12वीं तक नामांकित करीब 28 लाख से भी अधिक विद्यार्थियों में से साढ़े 15 लाख विद्यार्थियों का ही विद्यार्थी दुर्घटना बीमा हो पाया है। इसकी वजह है सभी पंजीकृत विद्यार्थियों के बीमा प्रीमियम।का ब्यौरा शाला दर्पण पोर्टल पर अपलोड नहीं किया जाना। संस्था प्रधानों को विद्यार्थी सुरक्षा बीमा माइयूल पर इसे अपलोड करना है। संस्था प्रधानों को कक्षा 9 से 12वीं तक अध्ययनरत सभी विद्यार्थियों की सुरक्षा दुर्घटना बीमा की प्रीमियम राशि के चालान जमा कराने के पोर्टल पर चालान राशि का इंद्राज करना होता है। अभी 25 लाख 13 हजार विद्यार्थियों में से केवल साढ़े 15 लाख के प्रीमियम को ही अपलोड किया गया है। अब यह आशंका जताई जा रही है कि संस्था प्रधानों की लापरवाही से कहीं 13 लाख विद्यार्थी का प्रीमियम देने के बावजूद बीमा से वंचित नहीं रह जाए। साथ ही इस दौरान किसी विद्यार्थी के साथ दुर्घटना हो गई तो उसे या उसके परिजन बीमा क्लेम से वंचित रह सकते है।

6 हजार से ज्यादा स्कूलों की जानकारी नहीं

शिक्षा निदेशालय ने सभी जिला शिक्षा अधिकारी मुख्यालय तथा मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारियों को उनके अधीनस्थ सभी सरकारी स्कूलों के संस्था प्रधानों को बीमा प्रीमियम राशि के चालान राशि का इंद्राज संबंधित माड्यूल में दर्ज करने के निर्देश दिए है। जिससे वास्तविक स्थिति की जानकारी हो सकें। विभाग के पास 16 हजार 211 माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालयों में से 9 हजार 923 स्कूलों का ही प्रीमियम जमा होने की जानकारी उपलब्ध है। शेष 6 हजार 288 विद्यार्थियों की प्रीमियम राशि जमा कराई भी है अथवा नहीं।

दुर्घटना पर एक लाख रुपए की मदद

इस बीमा योजना के तहत विद्यार्थी की दुर्घटना होने पर संबंधित बीमा कंपनी की ओर से अधिकतम एक लाख रुपए तक की राशि का भुगतान किया जाता है। विद्यार्थी के दुर्घटना में किसी अंग को नुकसान पहुंचने पर उसके लिए निर्धारित राशि तथा दुर्घटना में मृत्यु होने पर परिजनों को एक ..लाख रुपए दिए जाते हैं।

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