बीकानेर,राजस्थान के एकमात्र सरकारी सादुल स्पोर्ट्स स्कूल के हालात सुधारने के लिए अब स्टूडेंट्स के साथ स्टेट लेवल के खिलाड़ी भी आंदोलन के मैदान में उतरने की तैयारी कर रहे हैं। इन खिलाड़ियों का कहना है कि सरकार की लापरवाही व अनदेखी के चलते स्पोर्ट्स स्कूल की छवि खराब हो रही है। अब यहां स्टूडेंट्स आंदोलन की तैयारी कर रहे हैं।
राजस्थान बास्केटबॉल टीम के पूर्व कप्तान दानवीर सिंह भाटी ने इस मुद्दे पर पिछले दिनों डॉ. बी.डी. कल्ला को ज्ञापन दिया। राजस्थान बास्केटबॉल टीम के पूर्व कप्तान दानवीर सिंह भाटी स्टूडेंट्स की डाइट्स पर सवाल उठा रहे हैं। उन्होंने बताया कि महज सौ रुपए की डाइट दी जा रही है जबकि राज्य खेल परिषद् के हॉस्टल्स में तीन सौ रुपए की डाइट दी जा रही है।
सादुल स्पोर्ट्स स्कूल को जिस उद्देश्य के साथ वर्ष 1982 में खोला गया था, आज सरकार व शिक्षा विभाग की उदासीनता के कारण वह अपने उद्देश्य से भटक गया है। भाटी ने शिक्षा मंत्री से कहा कि यहां के खिलाड़ियों की डाइट मनी 100 रुपए है और 15 साल से उसमें एक पैसे का इजाफा नहीं हुआ है। जबकि राज्य खेल परिषद के छात्रावासों में 300 रुपए की डाइट प्रतिदिन खिलाड़ियों को मिलती है।
खिलाड़ियों की किट मनी मात्र 1000 रुपए प्रति वर्ष है। आश्चर्य की बात है कि पिछले 40 साल से खिलाड़ियों की किट मनी में भी इजाफा नहीं हुआ है जबकि राज्य खेल परिषद के छात्रावासों में रह रहे खिलाड़ियों की किट मनी के हर साल उनको 13000 रुपए दिए जा रहे हैं।
वहीं खेल में देश व प्रदेश का नाम रोशन करने की आस लेकर यहां आने वाले खिलाड़ियों के खाना बनाने के लिए यहां कुक की पोस्ट तक नहीं है, खाना सहायक कर्मचारियों को बनाना पड़ रहा है। स्कूल में कोच के कई पद रिक्त पड़े हैं, जिस पर नियुक्ति नहीं हो रही है। अयोग्य पीटीआई को लगाया जा रहा है।
इस बड़ी संस्था से हर वर्ष लगभग 25 से 30 अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी निकलने चाहिए थे। लेकिन हालात यह हैं कि पिछले 20 से 30 सालों में एक भी अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी सादुल स्पोर्ट्स स्कूल ने नहीं दिया। इस गंभीर विषय पर शिक्षा विभाग की ओर से कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो रही है।
शिक्षा मंत्री को ज्ञापन दे कर दानवीर सिंह भाटी ने पिछले दिनों शिक्षा मंत्री डॉ. बी.डी. कल्ला से मिलकर उन्हें हालात से रूबरू करवाया। स्पोर्ट्स स्कूल की दुर्दशा के बारे में कल्ला को अवगत कराया गया। ज्ञापन देने वालों में राष्ट्रीय खिलाड़ी नवल सिंह बेलासर और शक्ति सिंह बन्नासर भी शामिल थे।