जयपुर। शुक्रवार को राजस्थान सरकार ने कोविड़ को लेकर नई गाइडलाइन जारी करते हुए कक्षा दसवीं से बारहवीं तक के स्कूलों को 1 फरवरी से और कक्षा 6 से 9 तक के स्कूलों को 10 फरवरी से खोलने का आदेश दिया है। संयुक्त अभिभावक संघ ने राज्य सरकार के इस आदेश का विरोध करते हुए फीस मुद्दे से ध्यान भटकाने और निजी स्कूलों के इशारों पर काम करने का आरोप लगाया है।
संघ प्रदेश प्रवक्ता अभिषेक जैन बिट्टू ने कहा की पिछले 2 वर्षों से फीस को लेकर फसाद जारी है, मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा और 03 मई व 1 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट ने आदेश भी दे दिए किन्तु आज दिनांक तक भी राज्य सरकार ने पालना सुनिश्चित नही करवाई और ना राज्य का प्रशासन पालना सुनिश्चित करवा रहा है, कोविड़ गाइडलाइन को लेकर राज्य सरकार समय-समय पर स्कूलों को बंद करने के आदेश दे रही है और स्कूल वाले जब वापस राज्य सरकार पर दबाव बनाते है तो राज्य सरकार पुनः स्कूलों को खोलने के आदेश दे देती है। किंतु पिछले 2 वर्षों से लाखों अभिभावक राज्य सरकार, मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री सहित शिक्षा विभाग के तमाम अधिकारियों को पत्र लिखकर, शिकायतें दर्ज करवा स्कूलों पर कार्यवाही की मांग कर रहे जिसको ना राज्य सरकार सुन रही है और ना ही प्रशासन कोई ध्यान दे रहा है। जिसका परिणाम यह हुआ की आज प्रदेशभर में हजारों की संख्या में छात्रों को फीस के अभाव ने पढ़ाई और परीक्षाओ से वंचित रखा जा रहा है और सुप्रीम कोर्ट के आदेश की धड़ल्ले से धज्जियां राज्य सरकार व प्रशासन कि देख-रेख में उड़वाई जा रही है।
जयपुर जिला अध्यक्ष युवराज हसीजा ने बताया की राज्य सरकार प्रदेश में निजी स्कूलों की कठपुतली बनकर अभिभावकों का ना केवल शोषण कर रही बल्कि प्रदेश के लाखों छात्र-छात्राओं के भविष्य तक से खिलवाड़ कर रही है, जैसे ही फीस को लेकर अभिभावक सड़कों पर उतरने की तैयारी करने लगते है राज्य सरकार योजना बनाकर स्कूलों को खोलने के निर्देश देकर अभिभावकों का ध्यान भटकाने की साजिश रचना शुरू कर देते है। राजधानी जयपुर के सेंट एंसलम स्कूल, नार्थ सिटी, निवारू रोड़, विद्या आश्रम स्कूल, जेएलएन मार्ग, मोर्डन स्कूल शिप्रा पथ, नीरजा मोदी स्कूल, केजीपी (कपिल ज्ञान पीठ) सहित विभिन्न स्कूलों ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के विरुद्ध जाकर ना केवल छात्रों की पढ़ाई रोकी हुई है बल्कि कोर्ट के आदेश की गलत जानकारियां देकर स्कूलों द्वारा लीगल नोटिस जारी कर अभिभावकों को डराया-धमकाया जा रहा है।