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जयपुर. रीट पेपर लीक मामले में बड़े खुलासे के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में सीएम आवास पर शुक्रवार देर रात हुई उच्चस्तरीय बैठक के बाद बोर्ड अध्यक्ष डीपी जारोली को बर्खास्त कर दिया गया। बैठक में शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला, एसीएस होम अभय कुमार, अतिरिक्त शिक्षा सचिव पवन कुमार गोयल, डीजीपी एमएल लाठर, एसओजी के एडीजी अशोक राठौड़ और मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव कुलदीप शंका मौजूद थे। बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी भी प्रतियोगी परीक्षा में कोई भी अनियमितता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। जिन परीक्षाओं में लाखों बच्चे बैठते हैं, उनमें अनियमितताओं के कारण देरी होने से अभ्यर्थी और उनके परिजन हतोत्साहित होते हैं। गहलोत ने कहा कि भविष्य में प्रतियोगी परीक्षाओं को लेकर किसी हुई अनियमितता या लापरवाही पर सरकार जिम्मेदारों के लेगी रीट मामले की जांच में जिन भी अधिकारियों कर्मचारियों की संलिप्तता पाई जाएगी उन्हें तत्काल सस्पेंड किया जाएगा। आरोप सावित होने पर बर्खास्त किया जाएगा।

कमेटी का होगा गठन

बैठक में प्रतियोगी परीक्षाओं में इस यार रीट जैसी अनियमितताओं को टीकने के पुख्ता इंतजाम के लिए हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में एक कमेटी गठित की जाएगी। ये कमेटी सरकार को अपनी रिपोर्ट देगी।

पेपर मिला उसे,जिसने लगाए सबसे ऊंचे दाम

रीट पेपर लीक के आरोप में गिरफ्तार रामकृपाल मीणा डिप्टी को-ऑर्डिनेटर बनने से पहले ही आश्वस्त था कि उसके पास पेपर आएगा। इसलिए वह उदाराम विश्नोई और पर्चा लीक के लिए कुख्यात एक अन्य आरोपी के सम्पर्क में था। उसने पेपर उदाराम को दिया, जिसने मुहमागी कीमत देने की हामी भरी। एसओजी ने रामकृपाल मीणा व उसके खरीददार उदाराम को दो दिन पहले गिरफ्तार किया है। पड़ताल में सामने आया कि रीट की तिथि तय होने के साथ ही उदाराम पेपर हथियाने के प्रयास में जुट गया था। उसकी तरह ही प्रदेश स्तर पर नकल व पेपर लीक में सक्रिय एक और गिरोह का सरगना भी प्रयासरत था ग्राम विकास अधिकारी व पुलिस उपनिरीक्षक परीक्षा गड़बड़ी में भी उसका नाम सामने आ रहा है।हालांकि मोलभाव में रामकृपाल ने उदाराम का ऑफर स्वीकार किया। एसओजी ने शुक्रवार रात को रीट पेपर लीक मामले में कुछ अन्य लोगों को हिरासत में लिया है। इनमें परीक्षा से जुड़ा एक गैर सरकारी व्यक्ति भी शामिल है।

एसओजी जल्द इनकी गिरफ्तारी कर सकती है।

कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में पाराशर ही : सामने आया है कि वर्ष 2011 और 2012 में कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में हुई आरटेट में भी जयपुर का को ऑर्डिनेटर प्रदीप पाराशर को ही बनाया गया था। उस समय बोर्ड चेयरमैन मंत्री सुभाष गर्ग थे। पाराशर मंत्री सुभाष गर्ग और बोर्ड चेयरमैन डीपी जारौली का करीबी है।

शिक्षा संकुल में ही थे गैर सरकारी व्यक्ति

माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने पेपर की अधिकारियों को यह जिम्मेदारी निगरानी के लिए शिक्षा संकुल में दी गई थी। जयपुर में मुख्य जहां गैर सरकारी व्यक्ति जिम्मेदारी गैर सरकारी व्यक्ति नियुक्त किए थे। इनके अलावा प्रदीप पाराशर को को-ऑर्डिनेटर सभी जिलों में एडीएम स्तर के के रूप में दी गई थी।

रीट:सीबीआइ जांच के साथ नियुक्ति प्रक्रिया पर रोक की गुहार

जयपुर रीट-2021 का पेपर लीक होने के मामले में राजस्थान हाईकोर्ट में प्रार्थना पत्र दायर किया गया है। इसमें सीबीआई जांच के साथ ही नियुक्ति प्रक्रिया पर रोक लगाने की गुहार की गई है। प्रार्थना पत्र में 28 जनवरी को  आधार बनाया गया है, जिसमें परीक्षा से दो दिन पहले ही 5 करोड़ रुपए में पेपर बाहर आने का खुलासा किया गया था।मधु कुमारी नागर ने याचिका में रीट-2021 की जांच सीबीआई से करवाने की गुहार की है।

हाईकोर्ट के नोटिस पर राज्य सरकार ने अपने जवाब में पेपर लीक मानने से इनकार कर दिया था। राज्य सरकार ने कहा था कि मामले की जांच एसओजी कर रही है और कुछ लोगों के पास पेपर पहुंचा था, जिनको गिरफ्तार किया गया है।

किया पहले ही खुलासा

28 जनवरी को खुलासा किया था कि पांच करोड़ रुपए में पेपर का सौदा हुआ था। प्रार्थना पत्र में कोर्ट से सीबीआइ जांच के साथ नियुक्ति प्रक्रिया शुरू करने पर रोक लगाने की गुहार की है। इस प्रार्थना पत्र पर फरवरी प्रथम सप्ताह में सुनवाई होने की संभावना है

बड़ा सवाल,पैकेट कटा होने पर शिकायत क्यों नहीं?

रामकृपाल की पेपर केन्द्र (शिक्षा संकुल) में तैनाती कैसे हुई तथा जिस पैकेट को काट कर उसने पेपर निकाला, वह किस केन्द्र पर पहुंचा। इस केन्द्र के संचालक भी गिरोह में शामिल हो सकते हैं, जिन्होंने कटा हुआ पैकेट व एक पेपर कम मिलने पर भी कहीं शिकायत नहीं दी।

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