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बीकानेर वेटरनरी विश्वविद्यालय के प्रसार शिक्षा निदेशालय द्वारा कृषि प्रौद्योगिकी प्रबंधन अभिकरण (आत्मा), कृषि विभाग, बीकानेर के संयुक्त तत्वावधान में “लघु कुक्कुट पालन” विषय पर दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम शुक्रवार को संपन्न हुआ। प्रशिक्षण में बीकानेर जिले के 30 पशुपालक शामिल हुए। प्रसार शिक्षा निदेशक प्रो. राजेश कुमार धूड़िया ने बताया कि इन दो दिवसीय प्रशिक्षण के दौरान बैकयार्ड मुर्गी पालन का महत्व, मुर्गीपालन हेतु उपयुक्त नस्ले, आवास प्रबंधन, आहार प्रबंधन, अण्डे एवं मांस हेतु मुर्गीपालन, मुर्गीयों के प्रमुख रोग एवं बचाव आदि विभिन्न विषय पर डॉ. दीपिका गोकलानी, डॉ. अरूण झीरवाल, डॉ. मोहन लाल चौधरी, डॉ. राजेश नेहरा, डॉ. विजय बिश्नोई, डॉ. गरिमा चौधरी एवं डॉ. नीरज कुमार शर्मा ने अपने व्याख्यान प्रस्तुत किये। प्रशिक्षण के मुख्य अतिथि, निदेशक अनुसंधान प्रो. हेमन्त दाधीच ने कहा कि मुर्गी पालन प्रदेश में तेजी से बढ़ता व्यवसाय है अतः मुर्गी पालक भाई पारम्परिक पशुपालन के साथ-साथ लघु मुर्गी पालन अपनाकर अतिरिक्त आय अर्जित कर सकते है। प्रशिक्षण के समापन पर सभी प्रशिक्षार्थियों को प्रमाण-पत्र वितरित किये गये। प्रशिक्षण के उपरांत आयोजित प्रश्नोत्तरी कार्यक्रम में पवन जाखड़ प्रथम, मगनाथ जाखड़ द्वितीय एवं जेठाराम तृतीय स्थान पर रहे। प्रशिक्षण कार्यक्रम का संचालन समन्वयक डॉ. अरूण कुमार झीरवाल ने किया।

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