बीकानेर। नये अध्यक्ष के चुनाव से पहले हमें वर्तमान अध्यक्ष द्वारा किये गए एतिहासिक कार्यों का एक बार स्मरण जरूर करना चाहिए. ब्राह्मण संगठनों के कमजोर होने का एक कारण ये भी है कि आम ब्राह्मण किसी पदाधिकारियों के अच्छे कामों की प्रशंसा करने मे बहुत कृपण होता है, दूसरे के कार्यों को अपना बताने की कुचेष्टा करता है, आलोचना, (ज्यादातर झूठी)करने मे मुखर होता है. इसीलिए आमतौर पर कहा जाता है कि समाज सेवा एक थैंक्लेस जॉब है. फिर भी कुछ जुनूनी लोग पूरी निष्ठा से समाज सेवा करते हैं, स्वयं को कृतार्थ करते हैं.
*कृपया डॉ मोहन लाल जाजडा के निम्न एतिहासिक कार्यों पर गौर फरमाएं:-*
1. संस्था के लेखों को लगातार CA से ऑडिट करवाने की स्वस्थ परंपरा स्थापित करना.
2. महासंघ को आयकर विभाग से 12A की छूट दिलवाना.
3. महासंघ को धारा 80G की छूट दिलवाना.
4. संरक्षकों की सहयोग राशि 25.25 लाख की FD को सहेज कर रखते हुए उसके ब्याज से संस्था के क्रियाकलापों का संचालन करने की स्वस्थ परंपरा को स्थापित करना.
5. महासंघ की भूमि संबंधी 35 वर्ष पुराने अति महत्वपूर्ण अभियोगों (जिनमे विरोधी पार्टी को स्टै मिला हुआ था) में निष्क्रिय वकील को बदलकर, कई महीनों तक लगातार मेहनत करके अनेकों महत्वपूर्ण दस्तावेजों को case मे बड़ी मुश्किल से exibit करवाना, अपने पक्ष को पूरी मजबूती से पेश करना. महामंत्री सुंदर पारीक के साथ पूरी जी जान से मेहनत करके महासंघ को चारों cases मे जीत दिलवाना, पिछले 35 सालों से चल रहे विधिक संघर्ष को मुकाम तक पहुंचाना.
6. उक्त cases को जीतने के लिए महासंघ की भूमि पर ही एक दिन मे 1100 सुंदरकांड पाठ के अनुष्ठान का संकल्प लेकर 1400 से अधिक सुंदरकांड पाठ का दिव्य लक्ष्य प्राप्त करना.
7. उक्त cases जीतने के बाद विरोधी पार्टी द्वारा अपील करने पर कोई स्टै मिलने से पहले, चुपचाप silently कार्यवाही करते हुए UIT से पट्टा बनवा लेना. हाथोंहाथ उस पट्टे को रजिस्टर करवा लेना. पट्टे और registry के लगभग 6.5 लाख का रातों रात प्रबंध किया, क्योंकि चंदा किया जाता तो विरोधी पार्टी को भनक लगने पर, अपील मे तत्काल स्टै का खतरा था.
8. महासंघ की तरफ से पहली बार विलक्षण सनातन पंचांग की 10000 प्रतियां छपवाकर छःन्याति बंधुओं को बीकानेर शहर व सभी तहसीलों मे जाकर लगभग 70 बंधुओं के सहयोग से कोरोना की दूसरी लहर के दौरान वितरण करवाना. इस कैलेंडर के लिए समाज के बंधुओं से 21-21000 के 39 विज्ञापन लेकर अर्थ संग्रह करना, भूमि के पट्टे व रेजिस्ट्री के लिए उधार ली गई राशि चुकाना, कैलेंडर छपाई का भुगतान करना. शेष राशि महासंघ के खाते मे जमा है.
9. महासंघ की भूमि पर बनी चार दिवारी को चारों तरफ से दो दो फुट ऊँची करवाना तथा चारों तरफ से repair करवाना.
10. महासंघ की भूमि पर 35 साल पहले बने कमरे की repair करवाना और उसके साथ ही एक बड़ा कमरा, बाहर बड़ी चौकी, lat-bath बनवाना, सफ़ेदी, रंग पेंट करवाना.
11. महासंघ की भूमि के एक हिस्से को एक सीवर निर्माण कम्पनी को दो वर्ष के लिखित अनुबंध से किराये पर देकर महासंघ को लगभग 12 लाख के आर्थिक सहयोग (cash और material) की व्यवस्था करना. दुर्भाग्य से कुछ स्वार्थी समाज कंटकों (छःन्याति समाज के ही)ने उत्पात मचाया, अध्यक्ष और समाज के संरक्षकों के साथ बदतमीजी की गई, एक वैश्य समाज के राजनेता के सहयोग से अध्यक्ष के खिलाफ झूठी FIR दर्ज करवाकर दबाव बनाया गया, महासंघ की सोशल मीडिया और प्रिंट मीडिया मे झूठे तथ्य देकर बदनामी की गई, अंततः उक्त अनुबंध को रद्द करना पड़ा, महासंघ को भारी आर्थिक नुकसान हुआ. ऐसे समाज द्रोहियों को समाज से निष्काषित करने और दंडित करने की व्यवस्था करना जरूरी है. अध्यक्ष के धैर्य और हिम्मत को नमन है कि उन्होंने स्वार्थी समाज कंटकों के द्वारा किया गया इतना उत्पीड़न और अपमान सहने के बावजूद महासंघ को पूरी लगन व निष्ठा से नेतृत्व दिया, चारों महत्वपूर्ण cases मे जीत दिलवाई, पट्टे बनवाये, रेजिस्ट्री करवाई, सतत अच्छे कार्यक्रम करते रहे.
12. अध्यक्ष ने देवउठनी ग्यारस अर्थात महासंघ के स्थापना दिवस पर महासंघ की भूमि पर दीप मालिका की स्वस्थ परंपरा स्थापित की और गत वर्ष महासंघ स्थापना के 50 साल पूरे होने पर संकल्प के साथ महासंघ की भूमि पर 108 सुंदरकांड के पाठ का अनुष्ठान किया जिसमे 124 पाठ किये गए.
13. अध्यक्ष पहले ऐसे अध्यक्ष हैं जो पिछले 10 वर्षों से लगातार महासंघ की भूमि पर प्रत्येक मंगलवार को सुंदरकांड का पाठ कर रहे हैं जिसमें श्री सुंदर पारीक भी सहयोग कर रहे हैं.
14. अध्यक्ष के निर्देशन व संरक्षण मे श्रीमती आसा पारीक, अध्यक्ष,महिला प्रकोष्ठ द्वारा शगुन palace मे एक भव्य आयोजन किया गया जिसमे समाज की एक हजार से अधिक महिलाओं ने भाग लिया.
15. अध्यक्ष द्वारा महासंघ की वेबसाइट बनवा कर उसका सफल संचालन किया जा रहा है.. . https://chhanyatibkn.in/
16. महासंघ भूमि के एक हिस्से पर अवैध रूप से बने भेरुं मंदिर के पुजारी द्वारा कब्जा बढ़ाने के प्रयास के खिलाफ अध्यक्ष के नेतृत्व मे संघर्ष किया गया, मुकदमा करवाया गया, इस कब्जे को हटवाने के आदेश करवाये गए लेकिन तत्कालीन UIT अध्यक्ष की दोगली चालों के कारण ये कब्जा अभी तक नहीं हट पाया है.
17. खाँडल विप्र भवन, बीकानेर मे संरक्षक मण्डल का भव्य आयोजन संपन्न करवाया.
18. संपूर्ण भूमि का पट्टा बन जाने के बाद कार्यकारिणी की लगातार मीटिंग बुला कर भव्य निर्माण हेतु प्रसिद्ध आर्किटेक्ट मनोज शर्मा की मदद से नक्शे का बेसिक स्वरूप तैयार करवाया गया है. इस बेसिक स्वरूप मे भूमि पर चार ब्लॉक में निर्माण की योजना है:- छात्र सदन, शिक्षा सदन, व्यवसायिक सदन/ संस्कार सदन और सार्वजनिक कार्यक्रम/सम्मेलन/ विवाह समारोह स्थल. ये निर्माण कितने मंजिल तक करवाया जावे, कितने चरणों मे करवाया जावे, प्रत्येक चरण में कितना व्यय होगा, RCC construction (उम्र 70-80 साल) या ईंटों का construction (उम्र 200+ साल) या जोधपुरी पत्थरों का निर्माण (उम्र 300+ साल) या मिक्स निर्माण आदि अनेक बिंदुओं पर विशेषज्ञों द्वारा तकनीकी रिपोर्ट तैयार की जा रही है जिसके आधार पर कार्यकारिणी/ महासमिति द्वारा निर्णय लिया जाना है. इसी दौरान निर्वाचन प्रक्रिया शुरू हो गई तो अंतिम निर्णय और निर्माण संबंधी गतिविधियां नई कार्यकारिणी द्वारा किये जाने को उचित समझा गया. इस स्तर तक कार्यवाहियाँ की जा चुकी हैं कि यदि नई कार्यकारिणी अच्छी बन जाती है तो सात से पंद्रह दिनों के अंदर निर्माण कार्य शुरू किया जा सकता है.
ऊपर बताये गए यादगार कार्यों के अलावा अनेक रुटिन के कार्य लगातार किये जाते रहे हैं जिन्हे बताना बहुत लम्बी पोस्ट हो जायेगी. डॉ मोहन लाल जाजडा ने वर्ष 2000 से अब तक लगातार महामंत्री (15 वर्ष) और अध्यक्ष (6 वर्ष) पद पर सेवाएं दी हैं. सौम्य, दृढ़ निश्चयी, मितभाषी, विनम्र, silent worker, सहनशील, सभी का सम्मान करने वाले, प्रतिष्ठित वकील, महामण्डलेश्वर स्वामी विशोकानंदजी के परम शिष्य और ब्राह्मण संस्कारों से संपन्न व्यक्तित्व के धनी डॉ मोहनलाल जाजडा जो बीकानेर के अलावा राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर भी समर्पण भाव से ब्राह्मणों के लिए कार्य करते रहे हैं, समय- श्रम और धन खर्च करते रहे हैं, निश्चित ही छःन्याति ब्राह्मण समाज का गौरव हैं, हम सभी का अभिमान हैं. ऐसे व्यक्तित्व को यदि कोई व्यक्ति भला बुरा कह कर अपमानित करे तो हम सभी को ऐसे लोगों और उनकी चोकड़ी से सावधान रहने की जरूरत है.