बीकानेर,महिला से रेप के मामले में उम्रकैद काट रहा मुजरिम पैरोल से फरार हो गया। कैदी को दौसा जेल से पिछले साल 30 दिन का पैरोल मिला था। लेकिन पैरोल अवधि पूरी होने के बाद भी जब वह नहीं लौटा तो पुलिस ने तलाश शुरू की। अब बीकानेर पुलिस ने उसे पंजाब से गिरफ्तार कर लिया है। पैरोल पर छूटने के बाद आरोपी पंजाब रूट के ट्रकों पर ड्राइवरी और खलासी का काम करने लगा था। गिरफ्तार युवक प्रदीप सिंह उर्फ बिट्टू आदतन अपराधी है।
खाजूवाला एसएचओ अरविंद सिंह शेखावत ने बताया कि प्रदीप को रेप के एक मामले में गिरफ्तार किया गया था। जिसे बाद में बीकानेर जेल भेज दिया गया। दौसा में नई जेल बनने पर उसे वहां शिफ्ट कर दिया गया। दौसा जेल से ही उसे पैरोल पर छोड़ा गया था। पैरोल की अवधि खत्म होने के बाद भी वो जेल नहीं पहुंचा। इस पर पुलिस ने उसके खिलाफ जेल से फरार होने का मामला दर्ज कर लिया।
बताया जा रहा है कि जेल से छूटने के बाद उसने ट्रक चालक और खलासी का काम किया। तब वो बीकानेर से पंजाब के बीच गाड़ियों में ही चक्कर काट रहा था। प्रदीप बीते साल 11 जून से 10 जुलाई तक 30 दिन पैरोल पर आया था। पैरोल खत्म होने के बाद भी वह दौसा जेल नहीं पहुंचा। तब बीकानेर पुलिस ने उस पर दो हजार रुपए का ईनाम तय किया। अब उसे फिर से गिरफ्तार कर लिया गया है।
क्या था पुराना मामला
19 नवंबर 2020 को खाजूवाला थाना क्षेत्र की एक पीड़िता ने मामला दर्ज करवाया था कि 16 नवंबर को पड़ोसन का भाई प्रदीप और उसका साथी पहले कार से उसे घर से ले गए। आबाजी से दूर बाइक पर बिठाकर अपने साथ ले गए। रास्ते में रुककर प्रदीप सिंह रेप किया। दूसरा साथी वहां से थोड़ी दूर खड़ा रहा। रेप करने के बाद मोटरसाइकिल लेकर दोनों भाग गए।
दौसा जेल से हुआ फरार
खाजूवाला सीओ अंजुम कायल ने बताया कि प्रदीप सिंह उर्फ बिट्टू पुत्र केवल सिंह निवासी चक 3 केजेड़ी पीएस खाजूवाला को केंद्रीय कारागृह श्यालावास जिला दौसा में आजीवन कारावास की सजा काट रहा था।पुलिस अधीक्षक बीकानेर योगेश यादव ने आरोपी प्रदीप सिंह पर 2 हजार रुपये का ईनाम घोषित कर रखा था। खाजूवाला पुलिस ने प्रदीप सिंह को कस्बा तपामंडी जिला बरनाला पंजाब से गिरफ्तार किया और आरोपी से मोटरसाइकिल भी जब्त कर बीकानेर जेल भिजवा दिया। इस दौरान आरोपी प्रदीप सिंह को पकड़ने में खाजूवाला सीओ अंजुम कायल के नेतृत्व में पुलिस थाना खाजूवाला के एसएचओ अरविंद सिंह शेखावत, हैड कांस्टेबल महेंद्र कुमार, कांस्टेबल अमरजीत सिंह गिल व सीओ कार्यालय के कांस्टेबल दिनेश कुमार की अहम भूमिका रही।