जयपुर। राजस्थान में कोरोना के हालात को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मंत्रिपरिषद के सदस्यों के साथ कोरोना कोर ग्रुप से जुड़े एक्सपट्र्स से भी हालातो की समीक्षा की। मौजूदा हालातों पर मंथन के बाद सीएम अब एक बार फिर गाइडलाइन की समीक्षा करेंगे। गृह विभाग संशोधित कर नया ड्राफ्ट सीएम की मंजूरी के लिए रखेगा। एक दो दिन में नई गाइडलाइन आने की संभावना है। सीएम के साथ इस बैठक में एक्सपट्र्स ने बैठक के दौरान रेड जोन वाले इलाकों पर फोकस करते हुए गाइडलाइन की सख्ती से पालना की सलाह देते हुए कहा कि ओमिक्रॉन से अभी मौतें भले कम हो रही हैं, लेकिन इसे हल्के में नहीं लेना चाहिए। आईसीएमआर की गाइडलाइन की सख्ती से पालन करने पर जोर देना होगा।
बैठक की शुरुआत में सीएम ने कहा कि ओमिक्रॉन के खतरे को देखते हुए सरकार ने कई पाबंदियां लगाई हैं। स्थानीय स्तर पर संबंधित विभाग समन्वय से काम करके गाइडलाइन का पालन करवाएं।एक्स्पर्ट ओमिक्रॉन के पोस्ट कोविड रिजल्ट पर भी स्टडी करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि अभी तक किसी को यह पता नहीं है कि ओमिक्रॉन से संक्रमित होने के बाद पोस्ट कोविड इफेक्ट क्या हो सकते हैं। इसके रिजल्ट की स्टडी होना बहुत जरूरी है। कुछ एक्सपर्ट्स ने डब्ल्यूएचओ का हवाला देते हुए कहा कि ओमिक्रॉन से डरने की जरूरत नहीं है, लेकिन सीएम ने कहा कि स्टडी के बाद ही कोई निर्णय लिया जाएगा।
दूसरी तरफ एक्सपट्र्स ने ये भी कहा कि भीड़भाड़ वाले इलाकों में कंट्रोल करना बहुत जरूरी है। जहां भी लापवाही होती है, वहीं संक्रमण बढ़ता है। बैठक में एक्सपर्ट्स ने राजस्थान के 15 जिलों में पॉजीटिविटी रेट 15 से 20 फीसदी के आसपास होने को गंभीर मामला बताया। बढ़ते पॉजिटिव केस को देखते हुए कोविड एप्रोप्रिएट बिहेवियर पर जोर देने को कहा है। एक्सपर्ट ने वैक्सीनेशन पर फोकस करने को कहा है।
जिनोम सिक्वेंसिंग बढ़ाने की सलाह
एक्सपर्ट ने कोरोना के नए वैरिएंट पर नजर रखने के लिए जिनोम सिक्वेंसिंग पर जोर देने की सलाह दी गई है। एसएमएस में जीनोम सिक्वेंसिंग की सुविधा है। संभाग मुख्यालयों पर भी जिनोम सिक्वेंसिंग लैब लगाने के साथ जयपुर में भी क्षमता बढ़ाने की राय दी है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि नए वैरिएंट पर नजर रखने के लिए जिनोम सिक्वेंसिंग नियमित रूप से जरूरी है।