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जयपुर: प्रदेश में तीसरी लहर में जयपुर सहित लगभग 10 से अधिक जिलों में लगातार कोरोना के केस बढ़ने के हालातो को देखते हुए कम से कम इन जिलों में सरकार पहले से ज्यादा सख्ती के कदम उठा सकती है। जिन जिलों में पॉजिटिविटी रेट ज्यादा है। वहां स्थानीय स्तर पर कंटेनमेंट जोन बनाकर पाबंदियां बढ़ाई जा सकती है। इसके साथ इन जिलों में एक के स्थान पर शनिवार- रविवार दो दिन का वीकेंड कर्फ्यू लगाया जा सकता है। इन हालातों में 31 के बाद स्कूलों के खुलने के कम ही आसार है।

पॉजिटिविटी रेट 20 फीसदी के आसपास है, उन इलाकों में सख्ती बढ़ाना तय माना जा रहा है। इन इलाकों में संडे कर्फ्यू के बजाय शनिवार-रविवार को वीकेंड कर्फ्यू लगाया जा सकता है।
कई बड़े धार्मिक स्थलों पर लगाई पाबंदी

प्रदेश के धार्मिक स्थलों पर प्रसाद और पूजा सामग्री पर पहले से रोक लगी हुई है। इस बीच कई बड़े धार्मिक केंद्रों ने श्रद्धालुओं की एंट्री बंद कर दी है। वीकेंड कर्फ्यू के दिन ज्यादातर धार्मिक स्थल बंद थे।
9 जिलों में पॉजिटिविटी रेट 15 फीसदी से ज्यादा

प्रदेश के 15 जिलों में वीकली पॉजिटिविटी रेट 10 फीसदी से ज्यादा है। 9 जिलों में पॉजिटिविटी रेट 15 फीसदी से ऊपर है, जिसे एक्सपर्ट खतरनाक बता रहे हैं। इनमें जोधपुर, जयपुर, उदयपुर, बीकानेर, कोटा, भरतपुर, भीलवाड़ा, चित्तौड़गढ़ शामिल है। जयपुर और जोधपुर तो 24 फीसदी पॉजिटिविटी रेट के साथ खतरे के निशान पर सबसे ऊपर है।
इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च आईसीएमआर की गाइडलाइन के अनुसार 10 फीसदी से ज्यादा पॉजिटिविटी रेट है, उन इलाकों में कंटेनमेंट जोन बनाकर पाबंदियां लगाना जरूरी है। राजस्थान में ज्यादातर इलाकों में अभी उस स्तर की सख्ती नहीं की गई है। अब ज्यादा प्रभावित इलाकों में सख्ती बरती जाना तय है।

कलेक्टर भी लगा सकते हैं पाबंदी
शहरों में 1 लाख जनसंख्या पर 100 एक्टिव केस हैं, उन्हें रेड जोन में रखा गया है। रेड जोन वाले इलाकों में कलेक्टर स्थानीय स्तर पर पाबंदियां लगा सकते हैं। इनमें मिनी लाॅकडाउन से लेकर कंटेनमेंट जोन बनाने जैसी पाबंदियां शामिल हैं।

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