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दौसा* :- स्वतंत्र लेखन के साहित्यिक पटल आजाद कलम द्वारा 7 जनवरी को राजस्थान सहित दिल्ली, उत्तरप्रदेश, हरियाणा, छत्तीसगढ़ आदि कई जगह साहित्यिक कार्यक्रम आयोजित कर स्थापना दिवस मनाया। साथ ही 12 जनवरी को विवेकानंद जयंती मनाई गई। कवि धर्मेन्द्र कुमार धर्मी ने बताया कि 7 व 12 जनवरी की शाम को राष्ट्रीय संरक्षक राजेन्द्र सिंह यादव की अध्यक्षता व राष्ट्रीय अध्यक्ष नवल घुणावत के निर्देशन में वर्चुअल कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। जिसमें देश के कई कवि-कवयित्रियों ने काव्यपाठ किया व काव्यप्रेमी दर्शकों ने सोशल मीडिया पर लाइव देखा और बहुत पसंद किया। काव्यपाठ में छत्तीसगढ़ से पूनम दूबे वीणा ने – मातृभूमि जान से प्यारी,दिल मे हिंदुस्तान हो से देशभक्ति की रचना सुनाई, हरियाणा से निधि राठी ने बेटियों पर – यूँ तो बहुत सवाल है, इस जहान में पर उनका जवाब देता कौन है रचना की प्रस्तुति दी, लालसोट से अनुराग प्रेमी ने- तुमने तो फोन गुडनाईट कहकर काट दिया जैसे विरह के शेर सुनाए, दौसा से रामेश्वर प्रसाद करुण ने – क्यों बैठे हो सूने सूने,अपनी कलम उठाओ रे आह्वान गीत सुनाया तो कवि कुमार धर्मी ने – देशभक्त मजदूर हूँ मैं कविता सुनाकर मजदूरों का दर्द बयां किया। सिकन्दरा से सलमान सिकन्दराबादी ने – दौर नफरत का हमे यूँ नही भाया होता गजल प्रस्तुत की। झज्जर हरियाणा से  जया सरासर ने – बेकसूर इन मासूमों की कुर्बानी बंद कराओ सुनाकर सामाजिक सौहार्द का संदेश दिया। कोटा से देवेन्द्र गौतम ने – अगर बनना है तो स्वामी आनन्द-सा विद्वान बनो जैसी प्रेरणादायक कविता सुनाई तो गोरखपुर उत्तरप्रदेश से राघवेन्द्र मिश्रा ने- बन जाऊंगा एक दिन तेरा नाज मैं कविता सुनाई। कार्यक्रम का संचालन कवि कुमार धर्मी द्वारा किया गया व अध्यक्ष नवल घुणावत ने अपने उद्बोधन में संस्था की स्थापना व उद्देश्यों के बारे में बताया एवं संरक्षक राजेन्द्र सिंह यादव ने कविगणों व सभी दर्शकों का धन्यवाद ज्ञापित कर कार्यक्रम का समापन किया।

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