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बीकानेर, प्रदेश में नई आबकारी नीति में इस बार सरकार ठेकेदारों की मॉनोपोली तोड़ेगी। गारंटी से ज्यादा बोलियां लगाकर दुकान नहीं उठाने वाले ठेकेदारों पर हाथोंहाथ कुछ राशि जमा करवानी की बाध्यता होगी या पेनल्टी का प्रावधान रखा जाएगा। इसके अलावा राजस्थान निर्मित मदिरा पर असली-नकली की पहचान के लिए नया हॉलमार्क लगाया जाएगा। मद्य संयम नीति की पालना का पूरा ध्यान रखते हुए आबकारी जाप्ते को तकनीकी रूप से मजबूत करने का भी प्रावधान शामिल है। हालांकि वर्ष 2022-23 की नई आबकारी पॉलिसी लागू नहीं हुई है, लेकिन नए बदलाव के साथ नियमों व उपनियमों को अंतिम रूप दिया जा चुका है। इसी माह पॉलिसी लागू होने की उम्मीद जताई जा रही है। सर्वाधिक राजस्व देने वाले विभागों में शामिल आबकारी विभाग पिछले वर्ष कोरोना व ठेकेदारों की मॉनोपोली के चलते राजस्व से थोड़ा पिछड़ गया था तथा दुकानें भी शत प्रतिशत नहीं उठ पाई थी। इस बार सरकार की पूरी मंशा है कि वे नई पॉलिसी में बोलीदाता से हाथोंहाथ कुछ प्रतिशत राशि जमा करेगी या फिर बोली लगाने के बाद दुकान नहीं उठाने वालों से भारी पेनल्टी लेगी।

ज्यादा बोली लगाकर खराब की थी दुकानें

वर्ष 2021-22 की आबकारी की नई पॉलिसी में ठेकेदारों ने दुकानों की अधिक बोलियां लगाकर कई दुकानें खराब कर दी थी। वे दुकानें पड़त में रह गई और सरकार को उसने राजस्व नहीं मिल पाया। वर्ष 2022-23 की नई पॉलिसी में सरकार ने इस पर विशेष ध्यान दिया। सरकार का मानना है कि पूर्व में 10 लाख की गारंटी की दुकान पर 5 प्रतिशत बढ़ाकर बोली के बावजूद ठेकेदार दुगुनी-तिगुनी बोली यानी 20- 30 लाख रुपए लगाकर दुकान ले रहे थे, लेकिन राशि जमा नहीं करवा रहे थे। इससे वे दुकानें पड़त में जा रही थी।

जाप्ता होगा और मजबूत

आबकारी की नई नीति में सरकार तस्करी व अवैध मदिरा पर लगाम के लिए जाते को तकनीकी रूप से ज्यादा मजबूत करेगी। सरकारी ठेकेदारों के अलावा आबकारी विभाग के अधिकारियों, कर्मचारियों का अलग से मोबाइल एप पर ग्रुप होगा। इस पर अलग-अलग सूचना होगी। जाप्ते को नई गाड़ियां व अति आधुनिक उपकरण भी उपलब्ध करवाए जाएंगे।

विशेष हॉलमार्क लगेगा

‘सरकार राजस्थान की शराब पर • विशेष हॉलमार्क लगाएगी। इसके हटते ही शराब असली-नकली के संदेह के घेरे में आएगी। इस हॉलमार्क को विशेष रूप से तैयार किया गया है, जिसकी पहचान भी अलग होगी।

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