खाजूवाला, किसान मजदूर व्यापारी संघर्ष समिति के तत्वावधान में बुधवार को सिंचाई पानी की मांग को लेकर महापड़ाव का आयोजन किया गया। इंदिरा गांधी नहर परियोजना में सिंचाई पानी की मांग को लेकर सीमावर्ती क्षेत्र खाजूवाला में पिछले छ: दिनों से अनिश्चितकालीन धरना उपखण्ड अधिकारी कार्यालय के आगे चल रहा है। बुधवार को उपखण्ड अधिकारी कार्यालय के आगे महापड़ाव सभा का आयोजन हुआ। जिसमें सैकड़ों किसान पहुंचे। यहां महापड़ाव के बाद किसानों ने उपखण्ड अधिकारी कार्यालय का घेराव किया। यहां अधिकारियों से मांग की कि इ.गा.न.प. नहर में 3 अतिरिक्त सिंचाई पानी की बारियां दी जाए। किसानों के आक्रोश को देखते हुए यहां भारी संख्या में पुलिस बल मौजूद रहा। मंच संचालन जगविन्द्र सिंह सिद्धु ने किया।
पूर्व संसदीय सचिव डॉ.विश्वनाथ मेघवाल ने कहा कि खाजूवाला में पिछले पाँच-छ: दिनों से सिंचाई पानी की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन धरना चल रहा है। गहलोत सरकार किसानों को बर्बाद करने का काम कर रही है। डैम में पर्याप्त पानी होने के बावजूद अब सरकार ने पानी पेयजल कर दिया है जबकि किसानों ने अपने खेतों में रबी फसल का बिजान कर लिया है। जिसे 3 पानी और नहीं मिला तो सैकड़ों किसानों की फसलें बर्बाद हो जाएगी। ऐसे में किसानों के पास एक मात्र रास्ता आन्दोलन का ही बचता है। हम किसानों के साथ है। किसानों की इस लड़ाई में हम पूरा सहयोग देंगे और खरीफ फसल के लिए पानी लेकर रहेंगे।
जिलाध्यक्ष थान सिंह भाटी ने बताया कि आईजीएनपी नहर में सिंचाई पानी की मांग को लेकर बड़ी संख्या में उपखंड कार्यालय पर पहुंचकर प्रदर्शन किया व सिंचाई विभाग व प्रशासन के साथ वार्ता की लेकिन सिंचाई विभाग के अधिकारियों उन्हें अतिरिक्त सिंचाई पानी देने से असमर्थता जताई। जिसके बाद किसान आक्रोशित हो गए। उपखंड कार्यालय पर प्रदर्शन करने लगे। इसके साथ ही किसानों ने किसान मजदूर व्यापारी संघर्ष समिति के बैनर तले लगातार धरना प्रदर्शन जारी रखने का ऐलान किया है। वहीं किसानों द्वारा आगामी 18 जनवरी को एक बार फिर फिर से महापड़ाव किया जाएगा। साथ ही उपखंड कार्यालय का घेराव कर प्रशासन को ठप करने के साथ चक्का जाम करने की चेतावनी दी गई है।
महापड़ाव की मुख्य मांग
खाजूवाला उपखण्ड कार्यालय के बाहर पिछले पाँच-छ: दिनों से सिंचाई पानी की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन धरना दिया जा रहा है। वहीं बुधवार को महापड़ाव भी हुआ। किसानों ने मांग की है कि रबी फसल के लिए 3 अतिरिक्त पानी की बारी चाहिए। जिसको लेकर किसान पिछले काफी दिनों से आन्दोलनरत है। वहीं किसानों ने मांग की कि प्रथम चरण का 58 प्रतिशत पानी भी रिजर्व होना चाहिए।
अधिकारियों की किसानों के साथ वार्ता
उपखण्ड अधिकारी कार्यालय में सिंचाई विभाग के अधिकारियों व किसानों के बीच वार्ता हुई। जिसमें किसानों ने 3 अतिरिक्त बारियां पानी देने तथा मार्च तक पानी तय करने की मांग की। जिसपर सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने असमर्थता दिखाई। जिसपर किसानों व अधिकारियों की वार्ता विफल हो गई। जिसके बाद किसान आक्रोषित हुए। इस वार्ता में प्रदीप रस्तोगी अतिरिक्त मुख्य अभियन्ता रेग्यूलेशन बीकानेर, हरीश चर्तूवेदी अधीक्षण अभियन्ता रेग्यूलेशन इ.गा.न.प. बीकानेर, उपखण्ड अधिकारी प्रभजोत सिंह गिल, छतरगढ अधिशासी अभियन्ता संजीव कुमार, तहसीलदार गिरधारी सिंह, पूर्व विधायक विश्वनाथ मेघवाल, सीसीबी चेयरमैंन भागीरथ ज्याणी, भूपराम भाम्भू, रणवीर भाम्भू, मदन पूनियां, धर्मपाल बिरड़ा, थानसिंह भाटी, शिवदत सिग्गड़, मानसिंह ताखर, दलीप जलन्धरा, प्रशांत सिहाग, जगविन्द्र सिंह आदि किसान भी उपस्थित रहे।
अगला महापड़ाव 18 को होगा
किसानों की वार्ता विफल होने के बाद किसानों में आक्रोष फैल गया। एक बार के लिए तो किसान एसडीएम कार्यालय के सामने ही धरने पर बैठ गए। लेकिन फिर किसानों ने निर्णय किया कि 18 जनवरी को जोर-सोर से फिर से महापड़ाव किया जाएगा। जिसमें क्षेत्र के सभी किसानों को भी बुलाया जाएगा। इस महापड़ाव में घड़साना, रावला, पूगल व दंतौर के किसान पहुंचेंगे। 18 जनवरी को होने वाले महापड़ाव में अगर पानी देने पर सहमति नहीं बनी तो चक्काजाम भी किया जाएगा।
पुलिस बल रहा तैनात
खाजूवाला उपखण्ड अधिकारी कार्यालय के सामने महापड़ाव के लिए पुलिस बल चप्पे-चप्पे पर तैनात रहा। बुधवार को एडिशनल एस.पी. सुनील कुमार के नेतृत्व में खाजूवाला वृताधिकारी अंजूम कायल, थानाधिकारी अरविन्द सिंह शेखावत, पूगल थानाधिकारी महेश कुमार, छतरगढ़ थानाधिकारी जयकुमार भादू के साथ भारी संख्या में पुलिस बल तैनात रहा। वहीं पुलिस चौराहे, एसडीएम कार्यालय के सामने बेरीकेटिंग की गई।
व्यापारियों ने दिया समर्थन
बुधवार को महापड़ाव के चलते खाजूवाला का पूरा बाजार बन्द रहा। किसान मजदूर व्यापारी संघर्ष समिति के आह्वान पर खाजूवाला मण्डी के सभी व्यापारियों ने किसानों का साथ देते हुए अपने-अपने प्रतिष्ठान बन्द रखे। वहीं महापड़ाव के बाद व्यापारियों ने दुकानें खोली। इस मौके पर अरमजेन्सी सेवा मेडिकल आदि की दुकानें खुली रही।