- बीकानेर की समृद्ध साहित्यिक सांस्कृतिक परंपरा के महान पुरोधा एवं मौन साधक स्वर्गीय बाबू शंभू दयाल सक्सेना की 121 वी जयंती के अवसर पर राजस्थानी युवा लेखक संघ द्वारा हमारे पुरोधा कार्यक्रम के तहत उन्हें नमन स्मरण किया गया। नालंदा स्कूल के सृजन सदन में कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए वरिष्ठ कवि कथाकार कमल रंगा ने कहा कि वे प्रेरणा पुंज है उनके महत्वपूर्ण अवदान से नगर का गौरव हमेशा ऊंचा हुआ है ,हम उनके महत्वपूर्ण समर्पण को कभी भूला नहीं सकते आपने साहित्य की सभी विधाओं में सर्जन कर नए आयाम स्थापित किए। अपनी श्रद्धा व्यक्त करते हुए युवा शायर कासिम बीकानेरी ने कहां की स्वर्गीय सक्सेना पत्रकारिता करते नहीं असल में जीते थे। वही कवि गिरिराज पारीक ने उन्हें युवा पीढ़ी का प्रेरणा पुंज बताया। इसी क्रम में वरिष्ठ इतिहास विद डॉक्टर फारुख चौहान ने कहां की वे साहित्य संस्कृति एवं पत्रकारिता की विभूति थे। प्रारंभ में अपनी बात रखते हुए उन्हें नमन कर युवा शिक्षाविद राजेश रंगा ने कहा कि स्वर्गीय सक्सेना जी सरल सहज एवं सद्भाव की प्रतिमूर्ति थे उन्हें अपनी श्रद्धा व्यक्त करते हुए हरि नारायण आचार्य, अशोक शर्मा ,भवानी सिंह एवं सुनील व्यास ने बहुमुखी प्रतिभा का धनी बताया। कार्यक्रम कोरोना गाइडलाइन की सख्त पालना के अनुसार किया गया।