बीकानेर,पिछले 10 दिन से बदला हुआ मौसम किसानों का बैरी बन गया है। पहले तो मावठ और पाला और अब ओलों ने रही सही कसर पूरी कर दी है। प्रदेश के ज्यादातर जिलों में बदले मौसम के मिजाज के बाद खड़ी फसलों को भारी नुकसान पहुंचा है। जहां-जहां ओलावृष्टि हुई है, वहां तो नुकसान सभी फसलों में 30 फीसदी से ज्यादा तक पहुंच गया है। हालांकि मावठ से कई जगह फसलों को फायदा भी पहुंचा है, लेकिन नुकसान के मुकाबल यह कम है। विभिन्न जिलों से मंगाई जमीनी हालात की रिपोर्ट
हजारों हैक्टेयर में नुकसान, सरसों, धनिया,लहसुन को क्षति
जयपुर, ग्रामीण वर्तमान में सरसों, जो, चना, गेहूं, तारामीरा की फसल में खड़ी है। इनमें 20-21 दिसम्बर हो कपड़े पाले से करीब 20-30 प्रतिशत ने नुकसान हुआ है।
झालावाड़ जिले में इस समय ने धनिया, सरसों, कलौंजी, लहसुन, र गेहूं अश्वगंधा आदि फसलें खड़ी हैं। जिन क्षेत्रों में ओलावृष्टि हुई है, वहां 60-80 फीसदी तक नुकसान।
अजमेर जिले में चना,सरसों गेहूं,जो इस समय खेत में लहलहा रहे हैं। चना एवं सरसों में ही करीब 6500 हेक्टेयर में नुकसान।
टॉक: सरसों, गेहूं, जौ, मसूर, चना आदि फसले खड़ी हैं। इनमें पाले से तो कोई नुकसान नहीं लेकिन ओलावृष्टि से करीब जिले में 30 प्रतिशत से अधिक फसलें खराब।
नागौर जिले में इन दिनों सरसों, को ईसबगोल, जीरा, गेहूं, मैथी, चना एवं व सौंफ की फसलें खड़ी हैं, इनमें से चे मावठ और पाले से मुख्य रूप से द तोड़ी हुई मैथी की पत्तियों को ने नुकसान पहुंचा है। यह खराबा करीब सी एक हजार हेक्टेयर क्षेत्र का है।
यहां मौसम फायदे का सौदा
झुंझुनूं: जिले में मावठ से रबी फसल गेहूं, जौ, चना, सरसों, मैथी समेत अन्य फसलों में फायदा हुआ है। कहीं पर भी नुकसान नहीं है।
सवाईमाधोपुरः रबी की फसलों में गेहूं, सरसों, जौ, चना आदि फसलों को फायदा मिला है। किसानों के सिंचाई नहीं करनी पड़ रही है। ओलावृष्टि से हालांकि नुकसान नहीं हुआ है। मावठ से रबी की फसलों को लाभ मिला है।
नागौरः मावठ से रबी फसलों को फायदा हुआ है। इनमें सरसों, ईसबगोल, जीरा, गेहूं, चना एवं सौंफ आदि फसलें वानस्पतिक वृद्धि अवस्था में हैं।
सीकर जिले में चना, जो, मेथी, सरसों, तारामीरा जैसी फसलें है। इस समय वानस्पतिक अवस्था में खेतों में लहलहा रही है। जिले में फिलहाल मावठ से कहीं भी नुकसान नहीं हुआ है। चना और सरसों की फसलों को सबसे ज्यादा फायदा हुआ है।
भूमिपुत्र बोले:सरकार दे खराब हुई फसल का मुआवजा
झालावाड़ जिले के रायपुर थाना क्षेत्र के कुटकी गांव निवासी भगवानसिंह गुर्जर ने बताया कि तीन दिन पहले हुई मावठ से सरसों, धनिया पूरी तरह से चौपट हो गया है। फसलें जमीधोज हो गई है। ऐसे में सरकार को फसल बीमा के तहत सर्वे करवा कर मुआवजा दिलाना चाहिए।
पुष्कर के मोतीसर निवासी किसान महावीर ने बताया कि पाला एवं शीलहर के बाद गुलाब के खेतों में लगाए गए आंवले व जामुन के पेड़ पीले पड़ कर सूख गए हैं।
टोंक के किसान कजोड मल जाट ने बताया कि अगेती फसल सरसों है। जिसमें बारिश और ओलावृष्टि से नुकसान हुआ है।
ओसियां के किसान ओमप्रकाश ने बताया कि यह बरसात काफी फसलों के लिए अच्छी है। गाजर व • सरसों के लिए मावठ की बरसात अच्छी है लेकिन पहले पाला गिरने से अनार में नुकसान हुआ था। अब में मावठ से अधिक पानी मिलने से अनार फटने की समस्या बढ़ गई है।