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बीकानेर,चुनाव आयोग ने शनिवार को उत्तर प्रदेश, पंजाब, गोवा, मणिपुर और उत्तराखंड सहित 5 राज्यों में मतदान का कार्यक्रम घोषित कर दिया। उत्तर प्रदेश में 7 चरणों में जबकि मणिपुर में दो चरणों मतदान होगा। बाकी राज्यों में एक चरण में मतदान होगा। इन राज्यों में मतदान के नतीजे 10 मार्च को आएंगे।

चुनाव कराने की अनिवार्यता को लेकर बोले चुनाव आयुक्त

मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चन्द्रा ने चुनाव आयुक्त राजीव कुमार और अनुप चन्द्र पांडे के साथ शनिवार को दिल्ली के विज्ञान भवन में चुनाव कार्यक्रम की घोषणा की। कोरोना की तीसरी लहर के बीच चुनाव कराने की अनिवार्यता को स्पष्ट करते हुए सुशील चन्द्रा ने कहा कि संविधान की धारा 172(1) किसी भी राज्य विधानसभा की अधिकतम 5 वर्ष की अवधि तय होती है। समय पर चुनाव कराना लोकतांत्रिक व्यवस्था का सबसे जरूरी हिस्सा है और यह कार्य चुनाव आयोग को दिया गया है।

मतदान कार्यक्रम सात चरणों में

उन्होंने बताया कि मतदान कार्यक्रम सात चरणों में होगा। पंजाब की 117 सीटों, उत्तराखंड में 70 सीटों और गोवा में 40 सीटों पर एक चरण में 14 फरवरी को मतदान होगा। मणिपुर की 60 सीटों के लिये दो चरणों में 27 फरवरी और 03 मार्च को मतदान होगा। उत्तर प्रदेश की 403 सीटों के लिये सात चरणों में 10 फरवरी, 14 फरवरी, 20 फरवरी 23 फरवरी, 27 फरवरी, 03 मार्च और 07 मार्च को मतदान होगा।

सीईसी ने जानकारी दी कि पांच राज्यों में कुल 18.34 करोड़ मतदाता हैं जिनमें 8.55 करोड़ महिलाएं हैं। आयोग के अनुसार गोवा में 11.56 लाख, मणिपुर में 20.56 लाख, पंजाब में 2.13 करोड़, उत्तराखंड में 82.38 लाख और उत्तर प्रदेश में 15.5 करोड़ मतदाता हैं। इनकी सुविधा और कोविड की स्थिति को देखते हुए प्रति 1250 मतदाताओं पर एक मतदान केन्द्र बनाया गया है। इस हिसाब से गोवा में 1722, मणिपुर में 2959, पंजाब में 24689, उत्तराखंड में 11647 और उत्तर प्रदेश में एक करोड़ 1,74,351 मतदान केंद्र बनाए जाएंगे।

आयोग के अनुसार कुल 690 सीटों पर मतदान होगा जिसमें से 133 सीटें अनुसूचित जाति और 23 सीटें अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित हैं। इसमें गोवा में 1 सीट अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित है। मणिपुर में 1 सीट अनुसूचित जाति और 19 सीटें अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित हैं। पंजाब में 34 सीटें अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित हैं। उत्तराखंड में 13 सीटें अनुसूचित जाति और 2 सीटें अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित हैं। उत्तर प्रदेश की 84 सीटें अनुसूचित जाति और 2 सीटें अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित हैं।

कोरोना के मद्दनेजर उपाय

मुख्य चुनाव आयुक्त ने कोरोना संबंधित व्यवस्था की जानकारी देते हुए कहा कि सभी चुनाव अधिकारियों और कर्मचारियों को कोरोना योद्धा की संज्ञा दी जाएगी और वे वैक्सीन की दोनों खुराक के साथ बूस्टर खुराक भी ले सकते हैं। सुशील चन्द्रा ने सभी राजनीतिक दलों से वर्जुअल माध्यम से प्रचार करने का अनुरोध किया। साथ ही कहा है कि एसडीएम के निर्देश अनुसार कोरोना प्रोटोकॉल का पालन कर ही कोई कार्यक्रम किया जा सकता है। इसमें संख्या भी स्थानीय तौर पर कोरोना की स्थिति को देखकर एसडीएम तय करेंगे। 15 जनवरी तक सभी प्रकार की रैली और रोड शो पर रोक रहेगी जिसकी चुनाव आयोग बाद में समीक्षा करेगा और इसे आगे जारी रखने पर फैसला लेगा। आयोग के अनुसार मतदान के समय व्यक्ति का तापमान चेक किया जाएगा। अधिक होने की स्थिति में उसे टोकन दिया जाएगा और अंतिम घंटों में मतदान के लिए आने को कहा जाएगा।

चुनाव कार्यक्रम कुछ इस प्रकार

पंजाब, उत्तराखंड और गोवा में अधिसूचना 21 जनवरी को जारी होगी। नामांकन 28 जनवरी तक कर सकते हैं। नामांकन की 29 जनवरी को जांच होगी। 31 जनवरी तक नाम वापसी वापिस ले सकते हैं। मतदान 14 फरवरी होगा। मणिपुर में दो चरणों में मतदान होगा। पहले चरण में दक्षिण और मध्य मणिपुर के 6 जिलों की 38 विधान सभा सीटों मतदान होगा और दूसरे चरण में बाकी क्षेत्रों के 10 जिलों की 22 सीटों मतदान होगा। पहले चरण में अधिसूचना 1 फरवरी को जारी होगी। नामांकन 8 फरवरी तक कर सकते हैं। नामांकन की 9 फरवरी को जांच होगी। 11 फरवरी तक नाम वापसी वापिस ले सकते हैं। मतदान 27 फरवरी होगा। दूसरे चरण में अधिसूचना 4 फरवरी को जारी होगी। नामांकन 11 फरवरी तक कर सकते हैं। नामांकन की 14 फरवरी को जांच होगी। 16 फरवरी तक नाम वापसी वापिस ले सकते हैं। मतदान 03 मार्च को होगा।

उत्तर प्रदेश में मतदान

उत्तर प्रदेश में पहले चरण में 11 जिलों की 58 सीटों, दूसरे चरण में 9 जिलों की 55 सीटों, तीसरे चरण में 16 जिलों की 59 सीटों, चौथे चरण में 9 जिलों की 60 सीटों, पांचवें चरण में 11 जिलों की 60 सीटों, छठे चरण में 10 जिलों की 57 सीटों और सातवें चरण में 9 जिलों की 54 सीटों पर मतदान होगा।

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