बीकानेर. देश की आजादी के समय जिले की जनसंख्या सवा छह और फैलाव ढाई किलोमीटर था। अब ७५ साल बाद बाद जनसंख्या का आंकड़ा 24 लाख के करीब है। इसमें शहर की जनसंख्या आठ लाख के पास पहुंच गई है। शहर का फैलाव भी अब २० किलोमीटर की परिधि में हो चुका है। इसके बावजूद जिला प्रशासन की ओर से अब तक यातायात को सुव्यवस्थित करने के लिए कोई प्लान नहीं बनाया गया है। एेसे में यातायात व्यवस्था दिन-प्रतिदिन बिगड़ती जा रही है।
गौर करने वाली बात
राज्य अभिलेखागार के मुताबिक वर्ष १९४१ में जिले की जनंसख्या ६ लाख ७ हजार ६७२ थी। इसमें शहरी क्षेत्र की १ लाख ३६ हजार ८०१ जनसंख्या थी। अब बढ़कर जिले की जनसंख्या २४ लाख के करीब पहुंच गई है। शहरी क्षेत्र की जनसंख्या साढ़े आठ लाख हो गई है। साल १९४१ में प्रतिवर्ग मील पर ३६ व्यक्ति निवास करते थे। अब प्रतिवर्ग मील १०० से अधिक व्यक्ति निवास कर रहे हैं। साथ ही ८१ साल पहले शहरी क्षेत्र दो से ढाई किलोमीटर की परिधि में था जो अब बढ़कर १८ से २० किलोमीटर हो गया है।
इतने स्टाफ के भरोसे यातायात
सीओ एक, टीआई एक, एसआई दो, एएसआई पांच, हवलदार 40, सिपाही 72 एवं होमगार्ड पांच हैं। एक इंटरसेप्टर, दो मोबाइल गाडिय़ां, एक क्रेन, एक रिकवरी ट्रक एवं टीआई की गाड़ी है। यातायात पुलिस कर्मियों को 11 बॉडीवॉर्न मिले हुए हैं। इतने कम संसाधनों से ही पुलिस यातायात व्यवस्था को संभाल रही है।
९५ हजार चालान, २ करोड़ जुर्माना
यातायात पुलिस ने वर्ष 2019 में 85 हजार 28 का चालान कर एक करोड़ 27 लाख 70 हजार 6100 रुपए का जुर्माना वसूला। वर्ष 2020 में 90 हजार का चालान कर १ करोड़ 62 लाख १९50 रुपए का जुर्माना वसूला। वहीं इस साल अब तक 96 हजार 905 का चालान कर १ करोड़ 97 लाख 83 हजार 400 रुपए का जुर्माना वसूला किया है। वहीं यातायात पुलिस ने बीते वर्ष नवंबर तक हेलमेट के 4572, सीट बेल्ट के 3051, तेज गति के 3466, लो बीम का उल्लंघन करने के 4412, ब्लैक फिल्म के 8099 चालान किए।
जिले में वाहनों की तादाद पर एक नजर
– कार ४५ हजार ८६१
– दुपहिया ३ लाख ७० हजार २९५
– ट्रक ३६ हजार ५८४
– बस २ हजार ९७४
भविष्य को ध्यान में रख बनाए योजना
शहर के यातायात को सुगम करने की योजना पहले से तैयार होनी चाहिए। भविष्य को ध्यान में रखकर इस मुद्दे पर काम होना चाहिए। फ्लाईओवर व ओवरब्रिज का निर्माण हो। भविष्य में कहां-कहां कितना यातायात बढ़ेगा इसका सर्वे हो। इस रिपोर्ट के आधार पर योजना बनाकर काम करना होगा। तभी यातायात सुगम हो सकेगा। यूरोप व अमेरिका जैसे देश वर्षों आगे की स्थितियों को ध्यान में रखकर काम करते हैं। हमें भी दूरदर्शी सोच रखकर काम करना चाहिए।
डॉ. महेन्द्र खडग़ावत, निदेशक राजस्थान राज्य अभिलेखागार