बीकानेर कोरोना के चलते डेढ़ साल से बंदियों की परिजनों से फेस-टू-फेस मुलाकात बंद थी, जिसे हाल ही में एक-डेढ़ महीने पहले ही शुरू किया. गया। अब सरकार ने फिर से फेस- -टू-फेस मुलाकात व्यवस्था को एकबारगी बंद कर दिया है। अब जेल में बंद बंदियों को मोबाइल और • वीडियो कॉलिंग के जरिए मुलाकात कराई जाएगी। इस संदर्भ में बुधवार को कारागार महानिदेशक भूपेन्द्र कुमार दक ने आदेश जारी किया है। आदेश में बंदियों की परिजनों से फेस-टू-फेस मुलाकात पर कोरोना संक्रमण की वर्तमान स्थिति को देखते हुए रोक लगाई है।
दो साल में यह रही स्थिति
वर्ष 2020 व 2021 में कोरोना के कारण बदियों की परिजनों से आमने-सामने मुलाकात बंद रही। वर्ष 2020 में अप्रैल से दिसंबर तक बंदी परिजनों से फेस-टू-फेस मुलाकात नहीं कर सके। वर्ष 2021 में कोरोना कम हुआ तो जनवरी में मुलाकात वापस शुरू की गई। महज 22 दिनों तक फेस-टू-फेस मुलाकात की व्यवस्था शुरू की जो कोरोना बढ़ने से फिर वापस बंद कर दी गई। कोरोना काल में वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए नौ हजार 278 बंदियों की परिजनों से बात कराई गई वहीं तीन लाख से अधिक बार बंदियों की फोन पर परिजनों से बात कराई।
एक मुलाकात जरूरी है…
जेल प्रशासन भी मानता है कि बंदियों को तनाव से मुक्त करने एवं अपराध की दुनिया से बाहर निकालने के लिए परिजनों से मुलाकात जरूरी है। परिजनों से मिलने और परिवार से घुलने-मिलने से उनके दीभाग में अपराध संबंधी विचार नहीं आते। इसका फायदा यह है कि जेल में रहकर वह समाज व परिवार के साथ जुड़कर जीवन बीताने की सोचते हैं। मनोचिकित्सक सिद्धार्थ असवाल बताते हैं कि दिमाग को दूसरी तरफ डायवर्ट करना और स्थिर रखना जरूरी होता है। बंदी अपनों से मिलकर अपराध की दुनिया से बाहर निकलने का प्रयास करते है। सरकार व समाज भी गलती करने वाले व्यक्ति को सुधरना चाहता है। इसलिए बंदियों का परिजनों से मिलना जरूरी है।
यह है स्थिति
बीकानेर कारागार में 1600 बंदी रखने की क्षमता है। वर्तमान में बीकानेर जेल में 1500 बंदी है, जिसमें सजायाफ्ता और विचाराधीन सभी शामिल हैं। यहां बीकानेर जेल नागौर, पोकरण, हाल फलौदी श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, उत्तरप्रदेश, चूरू, सीकर, जोधपुर, अलवर, बिहार आदि जगहों के बंदी है। बीकानेर जेल में सजायाफ्ता बदियों की बजाय विचाराधीन बंदियों की संख्या अधिक है।
मुलाकात रोकी
फेस-टू-फेस मुलाकात पर कोरोना संक्रमण बढ़ने के मद्देनजर एकबार फिर रोक लगा दी गई है। वीडियो कांफ्रेंसिंग से मुलाकात कराने की व्यवस्था पहले से संचालित है। अब सरकार से आगामी आदेश मिलने के बाद ही बंदियों के साथ फेस-टू-फेस मुलाकात शुरू कराई जाएगी।
आर. अनंतेश्वरन, अधीक्षक केन्द्रीय कारागार बीकानेर