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बीकानेर,पीबीएम अस्पताल में साल 2019 में 100 से ज्यादा सांप पकड़े गए थे। सालाना 80 से 100 सांप अब पकड़ में आ रहे हैं। सबसे ज्यादा कैंसर अस्पताल तथा एल, के और जेड वार्ड में निकले हैं। साल 2010 से लेकर 2021 तक 874 सांप पकड़ कर शहर से दूर जंगल में ले जाकर छोड़े जा चुके हैं। लेबर रूम से लेकर ऑपरेशन थियेटर तक में सांप घुस जाते हैं।

बीकानेर इंसानों के अस्पताल में मरीजों के बेड ऑपरेशन थियेटर, बच्चों की नर्सरी में सांप कुंडली मारे बैठा दिखे तो झटका जरूर लगेगा बीकानेर संभाग के सबसे बड़े पीबीएम अस्पताल में ऐसा साल में करीब सौ बार होता है। बीते बारह साल में अस्पताल परिसर मेडिकल कॉलेज, रेजीडेंट चिकित्सकों के हॉस्टल, मैदान, पार्क आदि में 874 सांप पकड़े जा चुके हैं। कई बार मरीज अपने स्तर पर सांप को मार भी देते हैं या बाहर फेंक आते हैं, सांपों की वह संख्या अलग है।

पीबीएम अस्पताल के वार्डी आदि में कुल 2200 बेड है। रोजाना करीब 6 से 7 हजार मरीज ओपीडी में आते हैं। मरीजों के परिजनों, अस्पताल स्टाफ, भर्ती मरीजों से मिलने आने वाले विभिन्न प्रकार की जांचों के लिए आने वालों समेत सभी को जोड़ा जाए तो करीब चालीस से पचास हजार लोगों का पगफेरा रहता है। अस्पताल में सुरक्षा के लिए एक हजार से अधिक गार्ड तैनात है लेकिन सांपों को अस्पताल में घुसने से यह भी नहीं रोक पाते।

सांप दिखते ही याद आता है इकबाल

पीबीएम अस्पताल में जब भी सांप नजर आता है समाजसेवी मोहम्मद इकबाल की याद आती है। जीव प्रेमी इकबाल शहरभर के साथ पीबीएम में फ्री सांप पकड़ने के लिए हर समय तैयार रहता है। इकबाल ने बताया कि साल 2010 में उसने साप पकड़ने शुरू किए। अभी तक बीकानेर शहर और पीबीएम अस्पताल से कुल 2387 सांप और 182 गोयर पकड़ चुके है। इन सभी को पकड़ने के बाद वन विभाग को सुपुर्द करने के साथ पूरा रेकॉर्ड भी फोटो सहित रखा है। इनमें अकेले पीबीएम अस्पताल परिसर से पकड़े गए सांपों की संख्या 874 है।

गर्मी व बारिश में ज्यादा निकलते हैं जहरीले जीव

पीबीएम में मार्च से लेकर नवम्बर तक सबसे ज्यादा साप निकलते है। इसकी वजह गर्मी के साथ उन्हें भोजन की तलाश रहती है। पीबीएम में सबसे ज्यादा चूहे है। कबाड़ के कई जगह ढेर लगे हुए है। मरीज भी खाद्य पदार्थ इधर-उधर फेंकते हैं। जिससे चूहे पलते रहते हैं। साप चूहों का शिकार करने के लिए अस्पताल में घुसते है। यहां पर साप के साथ गोयरे भी निकलते है। पीबीएम के शिशु अस्पताल में तीन गोयरे भी अलग-अलग समय पकड़ में आ चुके है। मोहम्मद इकबाल के अनुसार साल 2019 में 100 से ज्यादा सांप अकेले पीबीएम अस्पताल से पकड़े थे। सालाना 80 से 100 सांप अब पकड़ में आ रहे हैं।

ओटी से लेकर बच्चा अस्पताल तक सांप

इकबाल के अनुसार पीबीएम अस्पताल के ऑपरेशन थियेटर एक ब्लॉक में सात साप पकड़ चुके हैं। बच्चा अस्पताल में पचास से अधिक साप पकड़ चुके हैं। बीते एक दशक में सबसे ज्यादा 100 से अधिक साप अकेले कैंसर अस्पताल और आस-पास के परिसर में पकड़ चुके हैं। एमआरआइ सेंटर, एल. के और जेड वार्ड में सबसे ज्यादा साप पकड़ में आते हैं। अब तो अस्पताल के संबंधित वार्ड से बकायदा साप पकड़े जाने पर पर्ची बनवाकर लेते हैं ताकि इसका रेकॉर्ड रखा जा सके।

जानिएं कहां से आते है इतने सांप….

अस्पताल के तीन तरफ सीवर लाइन का बड़ा नाला है। इसमें झाड़-झंखाड़ उगे हैं। यहां पर सापों ने डेरा डाल रखा है। अस्पताल की सीवर लाइन इसी नाले से जुड़ी हुई है। साप नाले से सीवर लाइन से होकर अस्पताल में घुसते है फिर सीवर चैम्बरों से होकर पाइप के रास्ते छत पर वार्डों तक पहुंच जाते है। अस्पताल परिसर में भी झाड़ियों में सांप, रहते हैं जो पार्क परिसर, आवासीय क्वार्टर, रेजीडेंट हॉस्टल, मेडिकल कॉलेज के क्लास रूम तक पहुंच जाते है।

पकड़ में आए कोबरा

पीबीएम अस्पताल से अभी तक पकड़े गए सांपों में कई दुलर्भ प्रजाति के सांप भी शामिल है। यहां से खतरनाक स्पेक्टिकल कोबरा, कोबरा, वुल्फ कॉमन स्नैक, वैट स्नैक, सो-स्केल्ड वाइपर, बिलिड रेसर स्नैक, रॉयल स्नैक, ब्लैक हैड रॉयल स्नैक ज्यादा पकड़ में आए है।

सांपों से निपटने का कोई प्लान नहीं

पीबीएम में लगातार सांप निकल रहे है। फिर भी सापों के नियंत्रण के लिए अस्पताल प्रबंधन ने कोई प्लान आज तक नहीं बनाया है। सबसे पहले चूहों का अस्पताल परिसर से सफाया करना होगा। इसके साथ ही सीवर लाइन को नालों से जोड़ने की जगह में सांपों को घुसने से रोकने के प्रबंध करने होंगे। अस्पताल की खिड़कियां टूटी पड़ी है। यहां से सांप अंदर घुसते है। नाले में उगे पेड़ अस्पताल के भवन से सटे हुए हैं। कुछ दिन पहले पीबीएम अस्पताल के वार्ड की जाली में बैठा साप – इनको हटाकर नाले की सफाई करानी होगी।

चिंता की बात है

सांपों का निकलना चिंता की बात है। जानवर है इन पर कोई बंदिश नहीं है। इतना जरूर है कि अस्पताल के वार्डो की टूटी खिड़कियों व दरवाजों की मरम्मत करवाएंगे ताकि सांप व चूहे प्रवेश नहीं कर सके। इस संबंध में शीघ्र ही काम किया जाएगा।

डॉ. मुकेश आर्य, प्राचार्य एसपी मेडिकल कॉलेज

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