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बीकानेर,बुधवार को पंजाब के फिरोजपुर में एक रैली को संबोधित करने जा रहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा व्यवस्था में बड़ी चूक के चलते इसे रद्द कर दिया गया। गृह मंत्रालय के अनुसार पंजाब के हुसैनीवाला में राष्ट्रीय शहीद स्मारक से करीब 30 किलोमीटर दूर जब प्रधानमंत्री का काफिला फ्लाईओवर पर पहुंचा तो पाया कि कुछ प्रदर्शनकारियों ने सड़क को अवरुद्ध कर दिया था। जिससे करीब 15-20 मिनट तक प्रधानमंत्री फ्लाईओवर पर फंसे रहे, उनके सुरक्षा कर्मियों ने सुरक्षा के लिहाज से उन्हें घेरे रखा।

बीजेपी लगातार जहां इस पूरे मामले में पंजाब सरकार की सुरक्षा पर सवाल उठा रही है वहीं कांग्रेस भी सवाल उठाने में पीछे नहीं है.

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस मामले में पीएम की सुरक्षा में लगी एसपीजी, आईबी तथा अन्य एजेंसियों पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री की सुरक्षा में चूक होना एक गंभीर मामला है। पूर्व में भारत के दो प्रधानमंत्रियों श्रीमती इन्दिरा गांधी एवं श्री राजीव गांधी की हत्या हो चुकी है जिसके बाद प्रधानमंत्री की सुरक्षा की पूरी जिम्मेदारी एसपीजी को दी गई। पीएम की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एसपीजी एक्ट में विशेष प्रावधान किए गए हैं।
पीएम के दौरे पर सुरक्षा की जिम्मेदारी एसपीजी एवं आईबी की होती है तथा राज्य पुलिस एसपीजी के निर्देशों एवं सलाह का पालन करती है। एसपीजी की अनुमति के बिना पीएम का काफिला आगे नहीं बढ़ सकता है।
एसपीजी को बताना चाहिए कि बिना पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के प्रधानमंत्री को 2 घंटे से अधिक समय की सड़क यात्रा क्यों करवाई गई? पंजाब के सीएम ने बताया कि किसानों के प्रदर्शन के बारे में पूर्व में जानकारी दे दी गई थी तब भी प्रदर्शन वाले रास्ते में पीएम के काफिले को जाने की अनुमति एसपीजी ने क्यों दी?
यह एक गंभीर मुद्दा है जिस पर राजनीति करने की बजाय एसपीजी, आईबी तथा अन्य एजेंसियों की जिम्मेदारी तय होनी चाहिए। भाजपा द्वारा इस मुद्दे पर कांग्रेस एवं पंजाब के मुख्यमंत्री श्री चन्नी के खिलाफ की जा रहीं टिप्पणियां मुद्दे की गंभीरता को कम करती है। इसकी निंदा की जानी चाहिए

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