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Indian Railways: साल 2021-21 में कोरोना महामारी के चलते ट्रेनें कम चल रही थी. लंबे समय तक लॉकडाउन के चलते ट्रेन सर्विस को बंद भी रखा गया था बावजूद इसके भारतीय रेल ने इस वित्त वर्ष में तत्काल टिकट चार्जेज और प्रीमियम तत्काल चार्जेज के जरिए जमकर कमाई की है. एक आरटीआई के जरिए इन बातों का खुलासा हुआ है.

रेलवे ने तत्काल से की जबरदस्त कमाई
भारतीय रेल ने 2020-21 में तत्काल टिकट चार्जेज के जरिए 403 करोड़ रुपये और प्रीमियम तत्काल टिकट पर 119 करोड़ रुपये की अतिरिक्त कमाई की है. यही नहीं आरटीआई में खुलासा हुआ है राजधानी, शताब्दी, दुरंतो जैसे ट्रेनों में लगने वाले डायनमिक फेयर के जरिए रेलवे को 511 करोड़ रुपये की कमाई हुई है.

आरटीआई में खुलासा
मध्य प्रदेश के आरटीआई कार्यकर्ता के आरटीआई के जवाब में रेलवे ने बताया है कि वित्त वर्ष 2021-22 के सितंबर महीने तक रेलने ने तत्काल टिकट चार्जेज के जरिए 353 करोड़ रुपये, प्रीमियम तत्काल टिकट के जरिए 89 करोड़ रुपये और डायनमिक पेयर के जरिए 240 करोड़ रुपये की कमाई की है.

रेलवे की कमाई का जरिया
2019-20 में जब कोई बंदिशें नहीं थीं तब रेलवे ने 1313 करोड़ रुपये डायनमिक फेयर के जरिए, 1669 करोड़ रुपये तत्काल टिकट पर और 603 करोड़ रुपये प्पीमियम तत्काल टिकट पर अतिरिक्त कमाई की थी.  रेलवे के ये आंकड़े तब सामने आए हैं जब संसद की स्थाई समिति ने तत्काल टिकट चार्ज को अनुचित करार देते हुए कहा था कि इससे उन यात्रियों पर बोझ पड़ता है जो आर्थिक तौर पर कमजोर हैं और अचानक उन्हें यात्रा करने की नौबत आन पड़ती है.

कितना वसूला जाता है तत्काल चार्ज
तत्काल टिकट चार्ज ट्रेन के सेकेंड क्लास के किराये के बेसिक फेयर के 10 फीसदी के बराबर वसूला जाता है. तो अन्य श्रेणी के लिए 30 फीसदी बेसिक फेयर का वसूला जाता है. प्रीमियम तत्काल वर्जन को कुछ चुनिंदा ट्रेनों में 2014 में लागू किया गया था. 50 फीसदी तत्काल टिकट डायनमिक फेयर सिस्टम के तहत बेची जाती हैं. संसदीय कमिटी ने डायनमिक प्राइसिंग पर भी सवाल खड़े किए थे.

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