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बीकानेर,संवैधानिक प्रावधानों के कारण चुनाव टाले नहीं जा सकते परन्तु कोविड की परिस्थितियों को देखते हुए चुनाव आयोग को राजनीतिक पार्टियों की रैलियों पर अविलंब रोक लगा देनी चाहिए। रैलियों की जगह प्रचार के दूसरे तरीकों का इस्तेमाल होना चाहिए। आज सूचना प्रोद्योगिकी का युग है इसलिए प्रचार भी IT एवं सोशल मीडिया आधारित होना चाहिए।

चुनाव आयोग टीवी, रेडियो इत्यादि कम्युनिकेशन माध्यमों पर सभी पार्टियों को टाइम स्लॉट बांट दे जिससे सभी पार्टियों को प्रचार के समान अवसर मिल सकें। बड़ी रैलियों की जगह कोविड प्रोटोकॉल के तहत घर-घर प्रचार किया जाए।
हम अधिकांश देशवासी अभी तक कोविड की दूसरी लहर की भयावहता को भूले नहीं है। पिछले साल अप्रैल-मई के महीने में किस तरह अस्पतालों में बेड तक नहीं मिल रहे थे एवं ऑक्सीजन की कमी के कारण लोगों की तड़पते हुए मृत्यु हुई।
अब देश के सामने कोरोना की तीसरी लहर है। विशेषज्ञों के अनुसार ओमिक्रोन आगे जाकर क्या नया रूप लेगा यह अभी किसी को मालूम नहीं है।

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