बीकानेर,इंदिरा गांधी नहर से सिंचित इलाके में रिकार्ड कृषि जिंसों का उत्पादन हो रहा है। सकल राष्ट्रीय कृषि उत्पादन में इंदिरा गांधी नहर से सिंचित क्षेत्र का महत्वपूर्ण योगदान है। नहर की कुल लागत 5000 करोड़ से प्रति वर्ष ज्यादा खाद्यान्न का उत्पादन हो रहा है। भारत जैसा विशाल जनसंख्या वाला देश खाद्यान्न में आत्मनिर्भर है। इसमें इंदिरा गांधी नहर का योगदान है। नहर से पश्चिमी राजस्थान में पेयजल की किल्लत से ही निजात नहीं मिली, बल्कि उद्योग धंधे पनपे हैं। कृषि मंडिया भी बनी। नहर से सिंचित कृषि के चलते इतने रोजगार के आयाम खुले हैं जिसका प्रभाव राजस्थान के समग्र विकास में देखा जा सकता है। पश्चिमी राजस्थान की लाइफ लाइन यह नहर जर्जर हो गई है। रख रखाव और निगरानी का तंत्र बिखर गया है। सरकार खामोश है और क्षेत्र के नेताओं ने चुप्पी साध रखी है। गहलोत सरकार तीन सालों की उपलब्धियों को सिर पर खुद ही सेहरा पहन रही है। नहर की अनदेखी का पाप स्वीकार नहीं कर रही है। इस रवैया पर सरकार और नेताओं को यहां तक विपक्ष को क्या कहा जाए खुद ही उपमा ले लें। व्यवस्था को कोई लानत नहीं ही दें तो अच्छा है। राजस्थान सरकार के पूर्व नहर मंत्री देवी सिंह भाटी के आखों के सामने नहर जर्जर है। वे बड़ी बड़ी समाज हित कि और लोकतंत्र को दिशा देने की बातें करते हैं वे नहर को लेकर अपनी जिम्मेदारी नहीं समझ रहे हैं तो बाकी क्षेत्र के नेताओं से तो उम्मीद ही करना बेमानी है। श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, बीकानेर और जैसलमेर के जनप्रतिनिधियों का अपने क्षेत्र में जनहित और सार्वजनिक हित के मुद्दों के प्रति संवेदनशीलता का राजस्थान की राजनीति में एक उदाहरण माना जा सकता है। मुख्यमंत्री जी नहर टूट गई तो वापस बन पाना कठिन हो जाएगा। नहर में जिस गुणवत्ता की टाइल्स लगी है वैसी आज की व्यवस्था नहीं बना सकती। नहर के द्वितीय चरण की हालत देख लें रख रखाव और मरम्मत नहीं हुई तो बड़ा नुकसान होना है। मुख्यमंत्री जी दुर्भाग्य है कि नहर की निगरानी और रख रखाव का तंत्र खत्म कर दिया है। नहर पर वेकचार्ज कर्मचारी जो नहर के रख रखाव, रिग्यूलेशन, सफाई और पट्टडे की देखभाल और मौके की रिपोर्ट अभियंता व मुख्यालय को देने के प्रति जिम्मेदार था वो पद समाप्त होने के बाद नहर का कोई धणी धोरी नहीं। सरकार नहर की मौके पर निगरानी की नई व्यवस्था कायम कर नहर को बचाया जा सकता है। नहर ही जर्जर नहीं है, बल्कि लिफ्ट नहरों के मोटर पंप नकारा हो गए हैं। नहर विश्व रिकार्ड और राष्ट्रीय संपदा है सरकार झांको तो सही।
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