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बीकानेर, खाद्य पदार्थो के मिलावटखोरों पर लगाम कसने के लिये सीएम अशोक गहलोत के आव्हान पर प्रदेशव्यापी स्तर पर चलाये गये शुद्ध के लिये युद्ध अभियान के तहत बीकानेर में भी मिलावटखोरों के ठिकानों पर छापामारी शुरू कर दी गई है। इसके तहत शनिवार को स्वास्थ्य विभाग की टीम ने वनस्पति घी बनाने की फैक्ट्री में कार्यवाही कर सैंपल लिये और सैंकड़ो लीटर घी सीज किया। स्वास्थ्य विभाग की इस कार्यवाही से बीकानेर में मिलावटखोरों में हड़कंप सा मच गया है। मिजावटी जगत से जुड़े सूत्रों के अनुसार कार्यवाही की भनक लगने के बाद बीकानेर में देशी घी,मिर्च मसालों और खाद्य तेल के मिलावटखोरों ने अपनी फैक्ट्रिया,ठिकाने और प्रतिष्ठानों में तैयार मिलावट खाद्य पदार्थ खुदबुर्द करने शुरू कर दिये है । इस बीच सीएमएचओं डॉ.बीएल मीणा ने सख्त लहजे में आव्हान किया है कि बीकानेर में मिलावटखोरों को बख्शा नहीं जायेगा। उन्होने बताया कि शुद्ध के लिये युद्ध अभियान के तहत जिलेभर में मावा्र,मिठाई,घी,तेल समेत मिर्च मसालों के सैंपल लिये जायेगें और मिलावट साबित होने पर मिलावटखोरों के खिलाफ पुलिस केस दर्ज कराये जायेगें। इस बार इस अभियान में दूध और दूध से बने उत्पादों पर खास फोकस किया जाएगा । अभियान के तहत स्वास्थ्य विभाग की टीमें दूध, घी, मावा, पनीर, मक्खन और मिठाइयों के नमूने लेंगे. इन नमूनों की प्रयोगशाला में जांच की जाएगी और किसी भी प्रकार की मिलावट होने पर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। जनता की सेहत का ध्यान रखते हुए राज्य सरकार द्वारा समय-समय पर शुद्ध के लिए युद्ध अभियान चलाया जाता है, मगर कई बार इन अभियानों की इमानदारी से पालना होने पर सवाल उठते हैं .ऐसी खबरें सामने आती रहती हैं जिनमें अधिकारियों और मिलावटखोरों की आपसी मिलीभगत से मिलावट करने वाले बच निकलते हैं. यदि अभियान में शामिल सरकारी तंत्र की नियत में मिलावट ना हो, तो ऐसे अभियान निश्चित रूप से आम जनता के लिए फायदेमंद साबित होंगे और मिलावट खोरी पर अंकुश लगेगा। सीएमएचओं डॉ.बीएल मीणा ने बताया कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की मंशा के अनुरूप प्रदेश भर में 1 जनवरी से 31 मार्च तक शुद्ध के लिए युद्ध अभियान व्यापक स्तर पर चलाया जा रहा है। ताकि आमजन को मिलावट रहित और शुद्ध खाद्य पदार्थ उपलब्ध हो सके। बीकानेर में अभियान के तहत कार्यवाही शुरू कर दी गई है। देना होगा, जिसमें नाम, पता, फोटो, ज्वैलरी का वजन व संख्या लिखनी पड़ेगी। जानकारों ने बताया कि पुरानी ज्वैलरी टांके से बनती थी, ऐसे में उसमें हॉलमार्किग करवाना थोड़ा मुश्किल होगा।

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