श्रीडूंगरगढ़। गुणीजन सम्मान समारोह समिति की ओर से आयोजित *श्रीडूंगरगढ़ का इतिहास* ग्रंथ लोकार्पण समारोह का आयोजन शनिवार को राष्ट्र भाषा हिन्दी प्रचार समिति के प्रांगण में हुआ। इस अवसर पर लोकार्पणकर्ता उद्योगपति लक्ष्मी नारायण सोमानी ने कहा कि- श्रीडूंगरगढ़ का यह इतिहास ग्रंथ आगामी पीढ़ी को दृष्टि बोध देगा तथा उनके लिए प्रेरणा स्रोत बनेगा। इस शहर के जब भी किसी ऐतिहासिक संदर्भ को जानना होगा तब इससे जाना जा सकेगा। इस उपयोगी ग्रंथ को नगरवासियों को सहेज कर रखना चाहिए। अब इतिहास की सामग्री केवल राजा महाराजाओं तक सीमित नहीं रह गई है। सामान्य जन का भी अपना इतिहास होता है।
लोकार्पण समारोह के प्रारंभ में लोक संगीत में राज्य स्तर पर प्रथम आने वाली सुश्री खुशी कत्थक ने मांड राग में पधारो म्हारै देस गीत गाकर मंत्र मुग्ध कर दिया। खुशी को नकद पांच हजार रुपये की राशि के पुरस्कार से सम्मानित किया गया। श्रीडूंगरगढ़ का इतिहास ग्रंथ के लेखक डाॅ चेतन स्वामी ने ग्रंथ के मंतव्य को बताते हुए कहा कि श्रीडूंगरगढ़ क्षेत्र के बहुत अधिक ऐतिहासिक संदर्भ रहे हैं, उनका प्रकाशन आवश्यक था। इस पुस्तक में बहुत से प्राचीन प्रसंगों को ऐतिहासिक तारतम्य के साथ प्रस्तुत किया गया है।
लोकार्पण समारोह के अध्यक्ष वरिष्ठ साहित्यकार एवं राजस्थानी भाषा साहित्य एवं संस्कृति अकादमी के पूर्व अध्यक्ष श्याम महर्षि ने कहा कि डाॅ चेतन स्वामी द्वारा लिखित यह ग्रंथ भविष्य के इतिहास लेखकों के लिए संदर्भ ग्रंथ बनेगा। लेखक ने बड़े मनोयोग तथा परिश्रम के साथ ऐतिहासिक तथ्यों को संयोजित कर इस ग्रंथ को लिखा है। ग्रंथ के ढेरों चित्र इसकी महत्ता बढाते हैं।
कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि प्रसिद्ध सामाजिक कार्यकर्ता एडवोकेट शोभाचंदजी आसोपा ने कहा कि श्रीडूंगरगढ़ के वासी और प्रवासी जनों को इस ग्रंथ का लाभ लेना चाहिए। इस इतिहास ग्रंथ को देखने की मेरे जीवन की साध रही है। मुख्य अतिथि प्रसिद्ध सामाजिक कार्यकर्ता ओमप्रकाश राठी ने कहा कि अनेक दृष्टि से नगर के लोगों को यह ग्रंथ प्रेरणा प्रदान करेगा। यह ग्रंथ हर घर में रखने योग्य है। इस अवसर पर लक्ष्मी नारायण सोमानी, भीखमचंद पुगलिया ने अपने सौजन्य से ग्रंथ की सौ सौ प्रतियां निशुल्क वितरित करने का कहा। पर्यावरण एवं शिक्षाविद ताराचंद इन्दौरिया ने कहा कि अनेक नगरों के इतिहास लिखे जा चुके हैं, इसी श्रृंखला में यह ग्रंथ उपयोगी रहेगा। पूर्व प्रधान दानाराम भामू ने बोलते हुए कहा कि डाॅ चेतन स्वामी बहुमुखी प्रतिभा के धनी लेखक हैं। गुणीजन सम्मान समारोह समिति के अध्यक्ष लाॅयन महावीर माली ने कहा कि यह समिति नगर की प्रतिभाओं को सम्मानित एवं पुरस्कृत करती है।
इस अवसर पर डाॅ चेतन स्वामी को शाॅल-श्रीफल भेंटकर सम्मानित किया गया। शोभाचंद आसोपा तथा ओमप्रकाश राठी ने इतिहास ग्रंथ की बीस-बीस प्रतियां क्रय की।
समारोह के दौरान लाॅयन महावीर माली ने राष्ट्रभाषा हिन्दी प्रचार समिति को एक माइक सेट देने की घोषणा की। समारोह में रामचन्द्र राठी, विजयराज सेठिया, गोपाल राठी, सुशील सेरड़िया, डाॅ मदन सैनी, श्री भगवान सैनी, महावीर सारस्वत, बजरंग शर्मा, तोलाराम मारू, सागर भाटी, ओमप्रकाश स्वामी सहित अस्सी से अधिक गणमान्य जन उपस्थित थे। कार्यक्रम का सफल संचालन साहित्यकार रवि पुरोहित ने किया।