Trending Now












जयपुर. राजस्थान सरकार एक बार फिर बढ़ते कोरोना संक्रमण के चलते सख्ती करने वाली है. सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि हमें वैक्सीनेशन को लेकर सख्ती करनी होगी. 3 जनवरी से प्रदेश में नाइट कर्फ्यू से लेकर सख्ती शुरू होगी. पंजाब की तर्ज पर अब राजस्थान को भी नई एसओपी जारी करनी पड़ेगी. उन्होंने कहा कि 31 जनवरी वैक्सीन की दोनों डोज लगाने का समय है. इसके बाद हमें सख्ती करनी होगी.

जयपुर में बढ़ते कोरोना के प्रकोप को देखते हुए शुक्रवार को मुख्यमंत्री ने अपने सरकारी निवास पर जयपुर के जनप्रतिनिधि,आला अफसरों, एक्सपर्ट के साथ की बैठक को संबोधित करते हुए यह बात कही. सीएम राज्य के गृह विभाग को बैठक में जो भी राय आई उसके अनुरूप प्रदेश की नई गाइडलाइन तैयार करने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि अगर जरूरत पड़े तो स्कूलों और कॉलेजों की छुट्टियों की समय अवधि बढ़ाई जा सकती है. उन्होंने कहा कि धार्मिक स्थलों पर अधिक भीड़ ना हो इसके लिए भी कोई सख्त निर्णय किया जाना चाहिए. सीएम गहलोत ने सैंपलिंग बढ़ाने के लिए जयपुर के प्रशासनिक और चिकित्सा विभाग के अधिकारियों को कड़े निर्देश दिए. उन्होंने इसमें ढीलाई पर नाराजगी प्रकट की और कहा कि इसमें सुधार लाया जाए. गहलोत ने कहा कि पिछले सात दिन में इतने ज्यादा कोरोना केस आ गए, लेकिन सैंपलिंग के फिगर 3 से 4 हजार के बीच है. क्या आपके दिमाग में यह बात नहीं आती कि सैंपलिंग बढ़ानी चाहिए. क्या आपको 10 हजार सैंपल नहीं लेने चाहिए. सीएम ने कहा कि यह कौन तय करता है? आपके इतने मामले आ गए तो सैंपल क्यों नहीं बढ़ाए ? प्रदेश में केवल जयपुर ही ऐसी जगह है, जहां इतने ज्यादा मामले आ रहे हैं. यह प्रदेश की राजधानी है. इसे आप हलके में मत लेना.

दिल्ली के हालत देखे हैं क्या आपने. वहां कितने मामले आ रहे हैं? यह हाथ से निकल गया तो कुछ नहीं होगा. जर्मनी, अमेरिका में हाहाकार मच गया है. सैंपलिंग बढाकर हालात काबू कीजिए.

चिकित्सा मंत्री प्रसाद लाल मीणा ने चिकित्सा विभाग की व्यवस्थाओं पर असंतोष जाहिर किया और कहा कि इसमें तत्काल सुधार किए जाने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि जब पहले तय कर दिया गया था की सैंपलिंग बढ़ाई जाएगी तो अब तक क्यों नहीं बनाई गई. उन्होंने कहा कि जयपुर में जिस तरह के हालात बन रहे हैं यहां पर 20000 सैंपलिंग किए जाने की जरूरत है. उन्होंने जयपुर के स्कूल कॉलेजों की छुट्टी और बढ़ाई जाने का सुझाव दिया.

मुख्य सचिव निरंजन आर्य ने कहा कि प्रशासनिक स्तर पर एयरपोर्ट पर जो कसावट होनी चाहिए वह देखने को नहीं मिल रही है। उन्होंने कहा कि मैं कई बार एयरपोर्ट से आता जाता हूं वहां पर चिकित्सा विभाग की व्यवस्थाएं हो रखी है उसे तो ऐसा लगता है कि वहां कोई सेंपलिंग की कोई व्यवस्था नहीं है। उन्होंने इस व्यवस्था को तत्काल सुधारे जाने के निर्देश दिए।

Author