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बीकानेर। भारतीय सेना के जवानों द्वारा किए गए सर्वोच्च बलिदान का सम्मान करने के लिए मंगलवार को नागी युद्ध स्मारक श्रीकरणपुर में पुष्पांजलि समारोह आयोजित किया गया था। यह आयोजन नागी की लड़ाई में जीत की 50वीं वर्षगांठ के रूप किया गया। नागी युद्ध स्मारक राजस्थान की पवित्र भूमि पर खड़ा है जहां 1971 के युद्ध में युद्धविराम की घोषणा के दस दिन बाद हमारे 21 सैनिकों ने पाकिस्तानी सेना की कायरता भरे मंसूबे के खिलाफ मातृभूमि के सम्मान की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी थी। कार्यक्रम में सैन्य कर्मियों, दिग्गजों, वीर नारियों, नगर के गणमान्य व्यक्तियों और श्री कर्णपुर के स्थानीय लोगों ने भाग लिया। कार्यक्रम की शुरुआत साधूवाली कैन्ट की सेना इकाइयों, बीएसएफ के अधिकारियों और वीर जवानों और सेना के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा पुष्पांजलि अर्पित करने के साथ हुई। जहां भारत 1971 के युद्ध की विजय के 50वीं वर्षगांठ के रूप में स्वर्णिम विजय वर्ष मना रहा है, वहीं नागी की लड़ाई के नायकों को सम्मानित करने के लिए सेना, नागरिक प्रशासन और नागी के लोगों द्वारा किए गए प्रयास सराहनीय है । सेना, नागरिक प्रशासन और स्थानीय आबादी के बीच समन्वय राष्ट्र निर्माण का प्रतीक है ।

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