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बीकानेर,केईएम रोड प्रेमजी पॉइंट से लेकर पंपिंग स्टेशन तक नई सीवरेज लाइन बिछाने के मामले में नगर निगम के पार्षदों ने बुधवार दोपहर केईएम रोड पर जाम लगा दिया। नगर निगम आयुक्त और सीओ सिटी के मौके पर पहुंचने के बाद भी जाम लगा रहा। पार्षदों की मांग है कि जब 93 लाख रुपए स्वीकृत करके सीवरेज की पूरी समस्या का समाधान हो सकता है ताे नगर निगम प्रबंधन घटिया काम क्यों करवा रहा है। आरोप है कि नगर निगम ने पंपिंग स्टेशन का टेक्निकल सर्वे किए बिना ही 93 लाख के टेंडर कर वर्क ऑर्डर जारी कर दिए। पब्लिक पार्क पंपिंग स्टेशन की कैपेसिटी नहीं है कि वह परकोटे का पानी भी झेल सके।

नगर निगम में कांग्रेस के पार्षदों ने मेयर पर आरोप लगाया कि प्रेमजी प्वांइट पर एक छोटा सा काम करके सीवरेज की समस्या हल होने का दावा किया जा रहा है जबकि हकीकत में इससे समस्या का निराकरण नहीं होगा। कांग्रेस पार्षद जावेद पडिहार का कहना है कि कोटगेट से केईएम रोड तक सीवरेज की नई डालने का काम स्वीकृत हो चुका है।

राज्य सरकार बजट दे रही है लेकिन नगर निगम मेयर इस काम को नहीं कर रहे हैं। नगर निगम ने प्रेमजी पॉइंट से लेकर पब्लिक पार्क तक करीब 900 मीटर सीवर लाइन बिछाने के टेंडर तीन महीने पहले किए थे। ठेकेदार को वर्क ऑर्डर भी जारी कर दिए, लेकिन काम अब तक शुरू नहीं हो सका। उधर, निगम का कहना है कि पीडब्ल्यूडी, बीएसएनएल, पीएचईडी और बिजली कंपनी से एनओसी मिलने के बाद काम शुरू हो सकेगा।

पार्षद आनन्द सिंह भाटी, शांतिलाल सेठिया, पारस मारू सहित कई कांग्रेस नेताओं ने मौके पर जमकर विरोध प्रदर्शन किया। दोपहर के वक्त इस बाजार में भारी भीड़ रहती है लेकिन रास्ता बंद होने से दिक्कत हुई। पार्षदों ने एक तरफ रास्ता जाम करने के लिए कार खड़ी कर दी, जबकि दूसरी तरफ भारी भरकम पाइप लगा दिए। जनता के विरोध के बाद दुपहिया वाहनों को निकलने दिया गया। इसी मुख्य मार्ग से लोग पीबीएम अस्पताल व सरकारी कार्यालयों की तरफ जाते हैं, ऐसे में इस मार्ग पर जाम से आम जनता को परेशानी हुई।

पुलिस समझाती रही

सीओ सिटी दीपचंद भी मौके पर पहुंचे लेकिन कांग्रेसी पार्षदों ने उनकी नहीं सुनी। जाम रास्ते को खोलने के लिए तैयार नहीं हुए। रास्ता बंद नहीं करने पर पुलिस ने तिपहिया वाहनों का रास्ता बदल दिया, जबकि दुपहिया वाहनों के लिए रास्ता खुला रखा। मौके पर नगर निगम के आयुक्त भी पहुंचे लेकिन पार्षदों ने उनकी एक नहीं सुनी। उन्हें वापस लौटना पड़ा।

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