बीकानेर,प्रति माह 90 से 100 मरीज कान की शिकायत लेकर आ रहे अस्पताल, 18 से 40 वर्ष आयु वर्ग के हमेशा ईयर फोन लगाने वाले ज्यादा पीड़ित
बीकानेर ऊपर दिए गए तीन मरीजों के मामले तो एक मात्र उदाहरण बताए गए है। ऐसे कई मरीज इस समय पीबीएम अस्पताल के कान, नाक और गला रोग विभाग में कान खराब होने की शिकायतें लेकर आ रहे हैं। जब से मोबाइल के साथ ईयर फोन का चलन बढ़ा है, तभी से कान की शिकायत लेकर आने वाले मरीजों की संख्या में इजाफा होने लगा है।
प्रति माह करीब सौ मरीजों की जांच
अस्पताल के ईएनटी विभाग में ईयर फोन की वजह से कान खराब होने की शिकायत लेकर प्रतिदिन मरीज पहुंच रहे चिकित्सक जब उन्हें ऑडियोलॉजिस्ट के पास भेजते हैं तो मालूम चलता है कि कान खराब होने के कगार पर पहुंच गया है। प्रति माह ईयर फोन से पीड़ित करीब सौ मरीजों की ऑडियो मीटर मशीन से कान की जांच की जा रही है। तब मालूम चलता है कि ईयर फोन कितना घातक सिद्ध हो रहा है।
फ्रिक्वेंसी की करते हैं जांच
चिकित्सक ऑडियो मीटर मशीन से 250 फिक्वेंशी से 8 हजार फिक्वेंशी तक कान की जांच करते हैं। तब पता चलता है कि मरीज का कान कितना प्रतिशत खराब हो चुका है। अगर इसमें लापरवाही बरती जाती है तो फिर सुनने के लिए मशीन का सहारा लेना पड़ता है।
युवा आ रहे ज्यादा चपेट में
ऑडियो मशीन से कानों की जांच कराने आने वाले वर्ग में 18 से 40 आयु वर्ग के युवा ज्यादा है। इस वर्ग के युवा दिन-रात ईयर फोन लगाकर रखते हैं। इसकी तेज आवाज से बाद में बिना ईयर फोन के आवाज स्पष्ट सुनने में परेशानी होने लगती है।
40 से ऊपर महिलाएं ज्यादा
18 से 40 आयु वर्ग से ऊपर वाले वर्ग में पुरुषों के बजाए महिलाओं में कानों में खराबी होने की शिकायत अधिक आ रही है। इस वर्ग की महिलाएं घरेलू काम कीम करने के कारण मोबाइल में ईयर फोन लगाकर भजन- फिल्मी गीत सुनती रहती है।
कान को बचाने के लिए सुरक्षा के उपाय
लगातार ईयर फोन का उपयोग नहीं करें। इसकी “तरंगे सीधे कान को कमजोर करती है। साथ ही तेज वॉल्यूम का इस्तेमाल से बचना चाहिए। हैड फोन का उपयोग फिर भी कम नुकसान पहुंचाता है। यह कान के ऊपर रहता है और तरंगे सीधे कान के पर्दे पर नहीं जाती। ईयर फोन का उपयोग करते हैं तो बीच-बीच में 40 से 50 मिनट का अंतराल लेना चाहिए।
डॉ.दीपचंद, विभागाध्यक्ष कान, नाक तथा गला रोग विभाग पीबीएम
चिंता का विषय है
प्रति माह 90 से 100 मरीजों की ऑडियो मशीन से • जांच करना चिंता का विषय है। युवा वर्ग ज्यादा कानों की शिकायतें लेकर आ रहा है। इन शिकायतों में कानों में सीटी की आवाज आती है, चिड़चिड़ापन होने लगता है। आवाज स्पष्ट रूप से सुनाई नहीं देती है।
डॉ.मोहित ओझा, ऑडियोलॉजिस्ट पीबीएम अस्पताल
केस 1
योगेश की उम्र पच्चीस साल है। वह लंबे समय से ईयर फोन का 1 उपयोग कर रहा है। वाहन चलाते समय सड़क पर शोरगुल अधिक होने के कारण वह ईयर फोन के वॉल्यूम को तेज रखता है। आज स्थिति यह हो गई है कि लगातार ईयर फोन का उपयोग करने से उसके कान में परेशानी रहने लगी है।
केस 2
सोनाराम फैक्ट्री में श्रमिक का काम करता है। मशीन चलने के कारण वह ईयर फोन लगाकर फिल्मी गाने सुनता रहता है। सुबह से दोपहर तक बहुत ही हल्की क्वालिटी के ईयर फोन लगाकर रखने से अब उसे कान से स्पष्ट सुनाई नहीं दे रहा है। वह अब चिकित्सक के पास कान की परेशानी लेकर आया तो चिकित्सक ने उसके कानों की जांच की। पाया कि ईयर फोन का हद से ज्यादा उपयोग करने से यह परेशानी हुई है।
केस 3
उत्तमा कॉलेज की 21 वर्ष की छात्रा है। कोरोना काल के दौरान ऑनलाइन पढ़ाई शुरू की तो घर में अन्य शोरगुल होने के कारण पढ़ाई में व्यवधान उत्पन्न हो रहा था। चार से पांच घंटे तक कक्षा चलने के दौरान कान में सीटी की तरह आवाज आने लगी। जब उसके अभिभावक जब कान रोग विशेषज्ञ के पास लेकर गए तो चिकित्सक ने ईयर फोन का कम से कम उपयोग करने की सलाह दी