बीकानेर,कोरोना महामारी के कारण लगातार तीसरे साल क्रिसमस और नए साल के जश्न में खलल पड़ने की आशंका प्रबल हो गई है। कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन और पहले से मौजूद डेल्टा ने मिलकर फिर ऐसी स्थिति पैदा कर दी है कि पाबंदियों का नया दौर शुरू हो गया है। दिल्ली सहित कई राज्यों ने इस जश्न में जमावड़े पर पाबंदी लगा दी है तो कई ऐसा करने पर विचार कर रहे हैं। केंद्र ने भी स्थानीय स्तर पर पाबंदियां लगाने के दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने एक व्यक्ति की भी मौत रोकने के लिए जश्न पर पाबंदी को उचित माना है। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने भी प्रधानमंत्री और भारतीय चुनाव आयोग से आसन्न उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव को टालने के विकल्प पर विचार करने का आग्रह यही कहते हुए किया है- ‘जान है तो जहान है।’अच्छी बात सिर्फ यह है कि भारत में 60 फीसदी आबादी को कोरोना टीके की दोनों खुराक लग चुकी हैं और नई लहर के ज्यादा खतरनाक असर की
आशंका अभी कम बताई जा रही है। वैज्ञानिकों के एक वर्ग का मानना है कि बंटवारे ओमिक्रॉन महामारी समाप्त करने वाला वैरिएंट साबित हो सकता है, क्योंकि जिस तेजी से यह फैल रहा है उतनी ही तेजी से इसकी मारक क्षमता कम हो रही है। हो सकता है कि आने वाले दिनों में यह मात्र सर्दी-जुकाम की तरह हमारे बीच स्थायी रूप से रह जाए। दूसरी ओर वायरस का लगातार रूप बदलना यह सवाल भी पैदा करता है कि इसका आगामी स्वरूप कितना खतरनाक हो सकता है। इसलिए जब तक बीमारी को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है, हमें सावधान तो रहना ही होगा। इसीलिए विशेषज्ञ लगातार कोविड प्रोटोकॉल का पालन करने और टीके पर जोर दे रहे हैं। आने वाले दिनों में भारत में भी बूस्टर डोज और बच्चों के टीकाकरण पर सरकार से शीघ्र निर्णय की उम्मीद जा सकती है। बीते दो साल में शिक्षा के लिहाज से भी देश पहले ही भारी नुकसान उठा चुका है, अब स्कूल फिर से बंद करने पड़े तो निश्चित ही दूरगामी नतीजे भुगतने होंगे। संसद की स्थायी समिति ने भी इस बारे में रिपोर्ट दी है। समाज के डिजिटल को पाटने के लिए समिति की सिफारिशों पर अमल होने में कितना समय लगेगा, कहा नहीं जा सकता। जरूरी है महामारी से डरे बगैर सावधानी बरतते हुए हम सामान्य कार्यकलाप जारी रखें। लेकिन, जश्न-समारोह या राजनीतिक जमावड़े पर रोक लगाना जरूरी है क्योंकि संक्रमण बढ़ाने में इनकी भूमिका उत्प्रेरक की होती है, जिसका असर बाद में हमारे जरूरी कामकाज पर पड़ने लगता है।