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बीकानेर। नशे पर पुलिस की पकड़ ढीली है। नशाखोर नशा करने के लिए नए-नए जतन कर रहे हैं। नशेडिय़ों ने अब हद ही पार कर दी। श्मशान भूमि में भांग के पौधे उगा लिए हैं। किसी का ध्यान न जाए, इसलिए बेहद योजनाबद्ध तरीके से वे गिने-चुने पौधे ही उगाते हैं। पहले उगाए पौधे का उपयोग कर लेने की अवधि की गणना कर लेने के साथ ही वे कुछ और पौधे उगाने का कार्यक्रम शुरू कर देते हैं। इससे किसी को भी ज्यादा शक नहीं होता और उनकी नशे की महफिल बारहो मास चलती रहती है। पुलिस का आलम यह है कि वह वैसे भी इन दिनों जुआ और ध्वनि प्रदूषण जैसे छोटे-मोटे असंज्ञेय माने जाने वाले अपराधों पर ही ध्यान दे रही है, लिहाजा श्मशान में जाकर इस तरह की गतिविधि पर ध्यान देने का तो जैसे सवाल ही नहीं है। नतीजा यह है कि शाम ढले ही नशेडिय़ों की महफिल जम जाती है, जो रात ढलने तक चलती है। कालोनीवासी जरूर इससे हलकान होते हैं।

यह है मामला

शहर की मुक्ताप्रसाद कॉलोनी के छह नंबर सेक्टर में मेघवाल समाज की श्मशान भूमि है। यहां कुछ असामाजिक तत्वों ने श्मशान भूमि परिसर में भांग के पौधे उगा लिए हैं। श्मशान भूमि परिसर में करीब आठ से दस पौधे लगा रखे हैं। इन पौधों को यहां आने वाले लोगों की नजरों से बचाकर उगाया गया है। हाल ही में समाज के एक व्यक्ति की मौत होने पर वहां उसका अंतिम संस्कार करने गए लोगों में से किसी सज्जन की नजर इन पौधों पर पड़ी। उन्होंने इन पौधों को लेकर वहां फटकार भी लगाई।
शहर में फैला नशेडिय़ों का जाल

गौरतलब है कि पुलिस व जिला प्रशासन की उदासनीता के चलते शहर में नशे का कारोबार फल-फूल रहा है। नशे का कारोबार करने वाले युवा वर्ग को टारगेट किए हुए हैं। वर्तमान हालात यही बताते हैं कि २० से ३५ साल तक की उम्र के लोग नशा अधिक कर रहे हैं। पुलिस विभाग के आंकड़ों के अनुसार जिलेभर में मादक पदार्थ तस्करी के २८७ से अधिक मामले दर्ज कर १५० से अधिक आरोपियों को पकड़ा जा चुका हैं। बड़ी विडम्बना है कि मादक पदार्थ की तस्करी में लिप्त ८० फीसदी आरोपियों की उम्र २० से ३५ साल के बीच है। नशा करने वालों में भी सर्वाधिक इसी उम्र के युवा हैं।
यहां-यहां चलती हैं नशे की महफिले

शहर में युवा वर्ग खुलेआम नशा करते हैं। करणी सिंह स्टेडियम के वेलोड्रम के पास, चौखंटी ओवरब्रिज के नीचे, पूगल फांटा, शिवबाड़ी चौराहा, नोखा रोड, गजनेर रोड, सुजानदेसर में काली माता मंदिर के पीछे, पब्लिक पार्क, जूनागढ़ के पीछे, रतनबिहारी पार्क आदि क्षेत्र हैं, जहां शाम होते ही नशेड़ी पहुंचने लगते हैं।
युवक की चाकू घोंप कर हुई थी हत्या

नयाशहर थाना क्षेत्र में में इसी साल रामदेव पार्क के पास स्थित रत्ताणी-व्यास श्मशान भूमि में भंवरलाल जाजड़ा की एक युवक ने चाकू घोंप कर हत्या कर दी थी। इस घटना के बावजूद एकबार पुलिस सक्रिय हुई और श्मशान भूमि में बेवजह आने वालों पर रोक-टोक लगाई लेकिन बाद में फिर से वहीं हालात हो गए हैं।
इनका कहना है…

पुलिस की अनदेखी के चलते असामाजिक तत्व हावी हो रहे हैं। नशा करने वाले किसी भी हद से गुजरने को तैयार हैं। श्मशान जैसी पवित्र भूमि पर शराब, मीट-मांस का सेवन करना और अब भांग के पौधे उगाकर नशा करना बड़े ही शर्म की बात है। पुलिस प्रशासन को श्मशान भूमि में नशा व ताशपत्ती खेलने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। मुक्ताप्रसाद कॉलोनी स्थित मेघवाल समाज की श्मशान भूमि में शाम को नशेडिय़ों का जमावड़ा रहता है, जिससे कभी भी कोई अनहोनि हो सकती है। समय रहते पुलिस प्रशासन को इस ओर ध्यान देना चाहिए।
पुनीत ढाल, सामाजिक कार्यकर्ता

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