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कोटा.स्टेशन क्षेत्र स्थित श्रीराम मंदिर परिसर में चल रही श्रीमद् भागवत कथा में बुधवार को कृष्ण जन्मोत्सव मनाया गया। कृष्ण के बाल स्वरूप के दर्शन को भक्त आतुर दिखाई दिए। महाराज राहुल पाराशन जी महाराज ने कृष्ण जन्म की कथा का वर्णन किया तो पूरा कथा परिसर कान्हां के जयघोष से गुंजाएमान हो उठा, लोग नाचने लगे, बधाईयां गाई और बाल स्वरूप के दर्शन पाकर लोग प्रफुल्लित हो उठे। इस दौरान कृष्ण जन्म की मनमोहक झांकी सजाई गई। कृष्ण जन्मोत्सव पर नंद के घर आनंद भयो जय कन्हैया लाल की गीत पर भक्त जमकर झूमे। बनवारी लाल सिंगला गुरूग्राम वासुदेव बने तो अशोक कुमार गुप्ता नंदबाबा बने और कृष्णा गुप्ता मां यशोदा बनी और धर्मलाभ प्राप्त किया। कथा वाचक राहुल पराशर जी महाराज ने कहा कि जिस समय भगवान कृष्ण का जन्म हुआ, जेल के ताले टूट गए। पहरेदार सो गए, वासुदेव व देवकी बंधन मुक्त हो गए। उन्होंने कहा कि प्रभु की कृपा से कुछ भी असंभव नहीं है। कृपा न होने पर सुखों से वंचित हो जाते हैं। मनुष्य के जीवन में अच्छे व बुरे दिन प्रभु की कृपा से ही आते हैं। भगवान का जन्म होने के बाद वासुदेव ने जमुना पार करके उन्हें गोकुल पहुंचा दिया। वहां से वह यशोदा के यहां पैदा हुई शक्तिरूपा बेटी को लेकर चले आए। महाराज श्री ने कहा कि कंस ने वासुदेव के हाथ से कन्या रूपी शक्तिरूपा को छीनकर जमीन पर पटकना चाहा तो वह कन्या राजा कंस के हाथ से छूटकर आसमान में चली गई। शक्ति रूप में प्रकट होकर आकाशवाणी करने लगी कि कंस, तेरा वध करने वाला पैदा हो चुका है। आयोजक अशोक गुप्ता व बनवारी लाल सिंगला गुरूग्राम ने बताया कि गुरूवार को 56 भाग की झांकी सजाई जाएगी। 25 दिसम्बर तक श्रीमद् भागवत कथा का वाचन कोविड-19 की गाइडलाइन की पालना के तहत किया जाएगा। कथा दोपहर 1 से सायं 5 बजे तक आयोजित की जा रही है। अजमेर से पधारी रिपू अग्रवाल ने बताया कि श्रीमद् भागवत कथा स्व. उग्रसेन जी गुप्ता एवं श्रीमति कमला देवी गुप्ता की पुण्य स्मृति में गुप्ता परिवार द्वारा आयोजित की जा रही है।

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