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बूंदी,Bundi Unique Temple: जिस किसी भी युवक की शादी में अड़चनें आ रही हों, वो अगर बूंदी के इस मंदिर से पार्वती की मूर्ति को चोरी करके ले जाए, तो जल्द उसकी शादी हो जाती है.Rajasthan News: राजस्थान में कई ऐसी परंपराएं हैं, जो चौंकाती हैं. ऐसी ही एक परंपरा बूंदी के मंदिर से जुड़ी हुई है. यहां विराजमान पार्वती की मूर्ति को जिस युवक की शादी नहीं होती है उसके द्वारा चुरा लिया जाता है. इसके पीछे बड़ी दिलचस्प परंपरा जुड़ी हुई है. मान्यता है कि जिस किसी भी युवक की शादी में अड़चनें आ रही हों, वो अगर पार्वती को चोरी करके ले जाए, तो जल्द उसकी शादी हो जाती है. दरअसल बूंदी जिले के हिंडोली कस्बे में एक ऐसा मंदिर है, जहां पार्वती माता की मूर्ति चुराने की अनूठी परंपरा है. यहां मूर्ती चुराने पर कोई केस दर्ज नहीं होता. बल्कि मूर्ती चुराने वाले की शादी जल्दी हो जाती है. दरअसल, जिले के रामसागर झील के किनारे प्राचीन रघुनाथ घाट मंदिर है, जहां पार्वती जी की मूर्ति चुराने की एक अनूठी प्रथा है. लोगों के बीच ऐसी मान्यता है कि जिस भी युवक की शादी नहीं हो पा रही, अगर वह इस मंदिर में माता पार्वती की मूर्ति चुराकर अपने घर में उनकी पूजा करे तो उसकी शादी जल्द हो जाती है.

मंदिर में महादेव शिवलिंग के पास पार्वती जी की मूर्ति स्थापित है

इस मान्यता के चलते अकसर महादेव जोड़े में ना होकर अकेले ही नजर आते हैं. इस बार मूर्ति चोरी होने के बाद मंदिर में वापस नहीं आने से क्षेत्रवासी चिंतित है. ऐसे में जिसने भी पार्वती माता की मूर्ति चुराई, वो मंदिर में उसे वापस रखने नहीं आ पाया. फिलहाल पार्वती जी महादेव से बिछड़ी हुई है. मंदिर के पुजारी रामबाबू पराशर ने बताया कि अब तक कई बार पार्वती जी की मूर्ति चोरी हो चुकी है और चुराने वालों की शादियां भी हो चुकी है. हमे चोरी का पता लग भी जाता है, तो भी किसी को टोकते नहीं हैं.

इस बार लंबे समय से मूर्ति गायब हैं

पुजारी बताते हैं कि साल में एक दो महीने ही पार्वती जी की प्रतिमा मंदिर में रह पाती है. अधिकतर कुंवारे युवक इसे चुरा ले जाते हैं. लेकिन इस बार लंबे समय से मूर्ति गायब हैं, जिससे मूर्ति के वापस आने के संकेत कम हैं. जिसके चलते पुजारी भी चिंतित हैं कि आखिर मूर्ति कौन ले गया. मंदिर की ये अनूठी परंपरा सदियों से चली आ रही है. लेकिन इस जो कुंवारे कतार में लगे हुए थे उनके लिए ये लंबे इंतजार की घड़ी बन गई है. पुजारी और कुंवारे लड़के दोनों अपने भगवान का इंतजार कर रहे हैं. जो भी मूर्ति ले गया होगा उसकी अभी तक शादी तय नहीं हुई होगी जिसके कारण वो अभी तक भी मूर्ति लेकर नहीं पंहुचा है.

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