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जयपुर,Jaipur: राज्य की जेलों (Jail) में रात के अंधेरे में कैदियों पर निगरानी रखने, परिसर में कैदियों के बीच होने वाले लड़ाई-झगड़े की त्वरित सूचना, जेल स्टाफ में आपसी समन्वय के लिए सुरक्षा उपकरणों की जरूरत है.

इसके साथ ही जेलों में कैदियों की रोटियां सेंकने के लिए ऑटोमेटिक चपाती मेकिंग मशीन की आवश्यकता है. इसके लिए जेल महानिदेशालय से गृह विभाग (Home Department) को प्रस्ताव भेजा गया है.

राज्य की जेलों में लगभग 18 हजार कैदी बंद हैं. इनमें भी आधे से ज्यादा 9 हजार 600 कैदी सेंट्रल जेलों (Central Jail) में बंद है. इतनी बड़ी संख्या में बंद कैदियों की सुरक्षा निगरानी के लिए आवश्यक सुरक्षा उपकरण ही नहीं है. रात में जेलों में अवांछनीय गतिविधियों पर नजर रखने के लिए जरूरी उपकरणों की मांग राज्य सरकार से की गई है. इस संबंध में जेल महानिदेशालय की ओर से एक प्रस्ताव राज्य सरकार के पास भेजा गया है. प्रस्ताव पर फिलहाल मंथन किया गया जा रहा है.रिटायर्ड जेल अधिकारी नंद सिंह शेखावत ने कहा कि जेलों में सुरक्षा उपकरण नहीं होने से व्यवस्था पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है. यदि जेलों में पुख्ता सुरक्षा के साथ सुचारू संचालन चाहिए तो आधुनिक उपकरण उपलब्ध करवाने चाहिए.

– जेलों में स्टाफ-कैदियों के लिए सुरक्षा निर्देशों के प्रसारण, इमरजेंसी में दिए जाने वाले निर्देशों, जेलों में विधिक सहायता शिविरों, बंदी प्रशिक्षण शिविरों और अन्य राष्ट्रीय महत्व के कार्यक्रमों में उच्च गुणवत्ता के पब्लिक एड्रेस सिस्टम की जरूरत है.

– अभी केवल सेंट्रल जेलों में पब्लिक एड्रेस सिस्टम स्थापित है. अब 26 जिला जेलों, हाई सिक्योरिटी जेल, ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट अजमेर में जरूरत है.

– 28 नग पब्लिक एड्स सिस्टम खरीदने पर 11 लाख 20 हजार का खर्च आएगा.
– जेलों में घुप्प अंधेरे वाली जगहों पर बिजली जाने पर प्रकाश नहीं रहता, वहां 3 सोलर लाइट सिस्टम जरूरी है.
– सभी सेंट्रल जेलों में करीब 200 नग सोलर लाईट की जरूरत बताई गई है और लागत करीब 30 लाख रुपए हैं.
– जेलों में ऑफिस, कर्मचारियों-अधिकारियों के बीच निर्देशों की पालना त्वरित करने के लिए इंटरकॉम प्रणाली की आवश्यकता बताई गई है.
– वर्तमान में राज्य की जयपुर, जोधपुर, अजमेर, कोटा, बीकानेर, अलवर, श्रीगंगानगर सेंट्रल जेल और जयपुर जिला जेल पर इंटरकॉम सिस्टम स्थापित है.
– पहले चरण में तीन केन्द्रीय कारागृह, भरतपुर, उदयपुर, विशिष्ठ केन्द्रीय कारागृह, श्यालावास तथा दूसरे चरण में उच्च सुरक्षा कारागार, अजमेर और 25 जिला कारागृहों पर इंटरकॉम प्रणाली स्थापित किया जाना आवश्यक है.
– इंटरकॉम सिस्टम पर करीब 55 लाख रुपए का खर्च आने की संभावना है.वर्तमान में राज्य की जेलों में नाईट विजन डिवाइस उपलब्ध नहीं.
– नाइट विजन डिवाइस वह उपकरण है जिससे अंधरे में 1000 गज दूर तक के लोगो एवं अन्य वस्तओं को देखने में आसानी होती है.
– नाइट विजन डिवाइस से रात्रि के समय बाउंड्री वॉल के अंदर और बाहर किसी भी व्यक्ति की संदिग्ध गतिविधियों पर आसानी से नजर रखी जा सकती है.
– सभी सेंट्रल जेलों में 11 नाईट विजन डिवाईस की आवश्कता है, इनकी अनुमानित लागत 17.60 लाख रुपये है.
– जेलों में बिजली जाने पर किसी भी प्रकार के सर्च ऑपरेशन एवं रात के समय गश्त के लिए हाई डेनसिटी सर्च लाईट का उपयोग किया जाएगा.
– सभी सेंट्रल, डिस्ट्रिक्ट, हाईसिक्योंरिटी जेलों के लिए 340 नग हाई डेनसिटी सर्च लाईट की आवश्कता है.
– हाई डेनसिटी सर्च लाइट की अनुमानित लागत करीब 29 लाख रूपए है.
-राज्य की जेलों की आंतरिक सुरक्षा में तैनात जेलकर्मियों के ड्यूटी स्थल पर मोबाईल की व्यवस्था नहीं होती है। इससे कारागृह के अंदर एवं बाहर घटित होने वाली अवांछिंत घटनाओं की सूचना तुरन्त उच्च अधिकारियों तक पहुंचाये जाना संभव नहीं होता है

– ऐसे में सुरक्षा कर्मियों एवं अधिकारियों के बीच त्वरित संवाद के लिए वॉकी-टॉकी खरीदा जाना जरूरी है.
– वर्तमान में राज्य की 7 संभाग स्तरीय सेंट्रल जेलों (जयपुर, जोधपुर, अजमेर, बीकानेर, भरतपुर, कोटा, उदयपुर) के लिए वॉकी टॉकी सिस्टम हैंड हेल्ड वायरलेस खरीदे जा रहे हैं
– राज्य की शेष 3सेंट्रल जेलों श्रीगंगानगर, अलवर, विशिष्ठ केन्द्रीय कारागृह, श्यालावास एवं उच्च सुरक्षा कारागार,,अजमेर तथा बंदी संख्या के आधार पर 7 जिला जेलों (धौलपुर, टॉक, जयपुर, झालावाड, भीलवाडा, चित्तौडगढ, हनुमानगढ़) हेतु वॉकी टॉकी सिस्टम की आवश्यकता है.
– वॉकी टॉकी सिस्टम की अनुमानित लागत 82 लाख रुपए आने की संभावना है.
– जेल महानिदेशालय ने हाईकोर्ट की स्वप्रेरित याचिका पर 27 जुलाई 2016 में दिए गए निर्देशों की पालना में जेलों में ऑटोमैटिक चपाती मैकिंग मशीन की मांग की है.
– वर्तमान में राज्य की सभी सेंट्रल जेलों के लिए एक एक कुल दस ऑटोमैटिक चपाती मैकिंग मशीन की जरूरत बताई गई है.
– एक चपाती मैकिंग मशीन की कीमत 12 लाख तथा दस मशीनों की कीमत एक करोड़ 20 लाख रुपए बताई गई है.

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